द्रव्य लिंग!
द्रव्य लिंग Physical sign or appearance (related to a saint). बाहरी भेष, साधु का बाहरी चिन्ह, परिग्रह रहित व पिच्छी कमण्डलु सहित होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य लिंग Physical sign or appearance (related to a saint). बाहरी भेष, साधु का बाहरी चिन्ह, परिग्रह रहित व पिच्छी कमण्डलु सहित होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वमन – Vaman.: Vomitting , a kind of obstacle in the food-taking of saints. आहार सम्बन्धी एक अन्तराय ; आहार करते समय साधु को वमन हो जाना यह छर्दि नाम का अन्तराय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भरक्षम – Bharaksama. A peaceful country (region) in Lanka island. लंका द्वीप में स्थित एक देश, यहां देव भी उपद्रव नहीं कर सकते हैं “
द्रव्य पाप Sinful nature of Karmas (substantive sin). कर्म की पाप रूप 100 प्रकृतियां ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंगीमुनि – Bhavalingimuni. A saint with real nature & attributes. अपने मुनिरूप बाहरी चारित्र के अनुसार भावों को रखनेवाला मुनि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रकाली – Bhadrakali. A type of super power. १६ निकाय विधाओं में विधाधर की एक विधा “
द्रव्य ध्येय To concentrate mind on the virtuous matters. अध्यात्म वेत्ताओं के अनुसार 4 प्रकार के ध्येय पदार्थों में एक सत् या गुणपर्यायवान् पदार्थ में एकाग्र होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पूजा–Mishra Puja. To worship Lord ’Jina’, preceptors and ‘Books’ (scriptures). द्रव्य पूजा का एक भेद; प्रत्यक्ष उपस्थित जिनेन्द्र भगवान् और गुरु एवं कागज आदि पर लिपिबद्ध शास्त्र की पूजा करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म तद्व्यतिरिक्त – Nokarma Tadvyatirikta. External causes for the state of any particular karmas. निक्षेप- किसी कर्म की अवस्था के लिये जो बाहरी कारण हो जैसे, क्षयोपशम रूप मतिज्ञान के लिए पुस्तक अभ्यास आदि “
द्रव्य अप्रत्याख्यान Lust or desire for illusive matters. रागादि विषयों की आकांक्षा रूप अप्रत्याख्यान के दो भेदों में एक भेद।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]