समयसत्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसत्य – Samayasatya. (Jiva, Ajiva, etc). जो वचन आगमगम्य प्रतिनियत 6 द्रव्य व उनकी पर्यायों की यथार्थता को प्रगट करने वाला है वह समयसत्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसत्य – Samayasatya. (Jiva, Ajiva, etc). जो वचन आगमगम्य प्रतिनियत 6 द्रव्य व उनकी पर्यायों की यथार्थता को प्रगट करने वाला है वह समयसत्य है।
धर्म भावना See – Dharma Anuprek¼å. देखें – अनुप्रेक्षा । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चारित्रपाहुड़ A book written by Acharya Kundkund. आचार्य कुन्दकुन्द (ई. १२७-१२९) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम पारीषद् – Madhyam paarishad. A type of council of deities. देवों के परिषद् (सभा) के तीन भेदों में एक भेद ; इसे चंदा नाम से जाना जाता है , इसमें बहुधा अन्तःपुर के महत्तर होतें है जो बेंतरूपीलता को हाथ में ग्रहण करके कंचुकी की पोषाक पहने हुए हैं “
धर्मघोष A writer of ‘Chintamani Parshvanath Kalp’ etc. चिंतामणी पाश्र्वनाथ कल्पादि के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ग्रैवेयिक स्तूप A special structure of Samavasharan-holy assembly of Lord. ग्रैवेयिक विमान के आकार का समावशरण का स्तूप ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समता परिणाम – Samataa Parinaama. Harmonious or equnimous, temperaments. माघ्यस्थ भाव। अपने आत्मा मे तथा सर्व जीवो मे समभाव अर्थात् समता परिणाम होना।
धरणीतिलक A city of Bharat Kshetra (region), A city in the south of Vijayardh mountain. भरतक्षेत्र का एक नगर, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन – ज्ञान-चारित्र Three jewels of Jainas (Right faith, Right knowledge & Right conduct ). रत्नत्रय सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यग्चारित्र इन तीनों गुणों को रत्नत्रय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]