दृग!
दृग Eyes. नेत्र , लोचन, चक्षु , आखँ, नयन।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भेदोपचार:Statement of something on the basis of its nature. उपचार का भेद; गुण, गुणी में भेदकर के कहना भेदोपचार है ” इसे सद्भूत व्यवहार भी कहते हैं क्योंकि गुण, गुणी का तादात्म्य सम्बंध पारमार्थिकहै “
दूर दर्शित्व ऋद्धि A supernatural power of super-distantial attainment of vision. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को चक्षु इन्द्रिय के उत्कृष्ट विषय क्षेत्र से भी संख्यात योजन दूर स्थित वस्तु को देखने की सामथ्र्य प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपाद्य – Pratipaadya. Expounded, Established. प्रतिपादित, प्रस्तुत, प्रदर्शित “
दामोदर (ब्रह्म) Name of a disciple of Jinachandra Bhattarak.जिनचन्द्र भटटारक के शिष्य सिरिपाल चरिउ 1450-1514 एवं चंदप्पहचरिउ के रचयिता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिचंद्र – Pratichandra. A king of Vanara dynasty. वानरवंस का एक राजा ” अंत में दीक्षा लेकर मोक्ष गये “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतराकाश – Prataraakaasha. Extensive area of space (Akash). सर्व आकाश के लम्बे चौड़े प्रदेशों के माप मात्र आकाश, जो 7×7=49 राजू है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदत्त – Puspadatta. Name of the 7th Narayan. ७वें नारायण का नाम “
दावाग्नि Forest conflagration (burning of forest). जंगल की अग्नि ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]