आरम्भकोपदेश!
आरम्भकोपदेश Giving suggestion to rise from unnecessary violece. खेती आदि करने वालों को पृथ्वी, जल, अग्रि, पवन आदि के आरंभ का उपाय बताना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आरम्भकोपदेश Giving suggestion to rise from unnecessary violece. खेती आदि करने वालों को पृथ्वी, जल, अग्रि, पवन आदि के आरंभ का उपाय बताना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाणकल्याणक – Nirvaanakalyaanaka. Holy event of salvation of Lord – Arihant. पंचकल्याणकों में एक कल्याणक; तीर्थंकरों के निर्वाण के अवसर पर देवों द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवाह – Sanvaha. A type of township; prosperous place. नगरों का एक प्रकार ” जहां मस्तक तक ऊचें ऊचें धान्य के ढेर लगे रहते हैं वेह संवाह नगर कहलाता हैं ” समुन्द्र की बेला से वेसिस्ट स्थान “
फण Expanded snake hood. नाग का फैला हुआ फण, वर्तमान में पार्शवनाथ भगवान की प्रतिमा को मस्तक पर फैले नाग के फण से पहचाना जाता है। भगवान महावीर ने बाल्यावसथा में नाग के फण पर निर्भयता पूर्वक क्रीड़ा करने से संगमदेव द्वारा महावीर नाम प्राप्त किया था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वर्तना – Nirvartana. Accomplishment. निष्पादन या रचना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविन्द्र कुमार बह्यचारी – गणिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख षिश्य जम्बद्वीप रचना हस्तिनापुर के प्रमुख स्तम्भ।सन् 1972 में आजन्म ब्रहमचार्य व्रत लेकर क्रमष घर्मक्षेत्र में अथक परिश्रम करके माताजी की प्रेरणा से जम्बुद्वीप हस्तिनापर, तपस्थली प्रयाग, कुण्डलपुर, मांतुगा, अयाध्या एवं अनेक तीर्थ क्षेत्रो का विकास करते हुए जैन धर्म की संस्क्ति का…
आस्तिक्य An attribute of right perception i.e. having religious faith. सम्यग्दर्शन का एक गुण-परलोक पुण्य – पाप आत्मा परमात्मा में श्रद्धा रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिन्दुसार – Bimdusara Father’s name of the Magadha emperor, Ashok. मगध सम्राट् अशोक के पिता का नाम ” समय – जैन के अनुसार ई.पू . ३०२-२७७; लोक अनुसार ई.पू. २९८-२७३ “
आशाधर A great writer of Anagardharmamrita. ई.सन् 1173-1243 में जिन्होंने अनगारधर्मामृत प्रधान कृति की रचना की।[[श्रेणी:शब्दकोष]]