स्पर्ष नाम विभीषणता!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष नाम विभीषणता – Sparssana Naama Vibhiisanataa. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष नाम विभीषणता – Sparssana Naama Vibhiisanataa. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योनिभूत स्थान – मूल आदि को लेकर जितने बीज है उनमें जीव उत्पन्न होने की षक्ति के कारण वे योतिभूत स्थान कहलाते है। Yonibhuta sthana-place where creature are born or originate
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल कर्म – Shaila Karmaa. Pertainung to sculpure. शैल का अर्थ पत्थर है, उससे निर्मित प्रतिमाओं का नाम शैलकर्म है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पंदरहित नेत्र – Spamdarahita Netra. Eyes devoid of blinking (non-blinking).अर्हत भगवान के केवलज्ञान के दस अतिशयो मे एक, स्पंद रहित (टिमकार रहित) दृष्टि।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मीदेवी – षिखरी पर्वत पुण्डरिक हद की देवी। केवल ज्ञान रूपी महालक्ष्मी के प्रतीक में निर्मित मूर्ति।जिनके मस्तक पर अरिहंत भगवान की मूर्ति होती है। Laksmidevi-A female divinity of Pundarik lake
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशल्य – Bhavasalya. Internal thorn (falsehood etc.). जिस कर्म के उदय से जीव के माया, मिथ्या व निदान रूप परिणाम होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल भद्र – Sthuula Bhadra. Name of a shvetambaracharya.एक श्वेताम्बराचार्य का नाम।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्षपर्वा – एक औशधि विद्या। Laksaparva- A medicinal knowledge
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकांड – Prakanda. A great & learned person, a man of vast learn-ing. उत्कृष्ट विद्वान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति शक्ति – Sthiti Sakti. Strength of karmic binding.प्रथम आदि निषेको की सर्व की स्थिति शक्ति है।