परमौदारिक शरीर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परमौदारिक शरीर:Body of Lord Arihant with absolute purity.अहंत परमात्मा का शरीर जिसमें निगोदिया जीव नहीं रहते ,धातु उपधातु सब शुद्व हो जाती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परमौदारिक शरीर:Body of Lord Arihant with absolute purity.अहंत परमात्मा का शरीर जिसमें निगोदिया जीव नहीं रहते ,धातु उपधातु सब शुद्व हो जाती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिभुक्तित्याग – रात्रि भोजन का त्याग करना, इसका पालन करना जैन श्रावक की पहचान है श्रावक की 11 प्रतिमाओं 6 प्रतिमा मन वचन कार्य से रात्रि में चतुर्विध आहार का त्याग करना। इस प्रतिमा का द्वितीय नाम द्विवामैथुन त्याग भी आता है। Ratribhuktityaga- Renunciation of night eating (meal), the sixth spiritual stage of house…
तीसिय State of obscurring karmas of right knowledge, right perception etc. जिन कर्मों की तीस कोडाकोडी (सागर) की उत्कृष्ट स्थिति है ऐसे ज्ञानावरण, दर्शनावरण, अन्तराय, वेदनीय को तीसिय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एकचर्या A vow for saints, solitary walking. मुनियों का एक व्रत, एकाकी विहार करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामर्थ्य – Saamarthya. Capability, competence, capacity. शक्ति, बल (जीव में मोक्ष को प्राप्त करने की सामर्थ्य है) ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधु प्रासुक परित्यागता – Saadhu Praasuka Pariytaagataa. A great & meaningful renouncement(reg. perception, knowledge & faith) done by Jaina saints. दया बुद्धि से साधुओं के द्वाराकिये जाने वाले दर्शन, ज्ञान व चारित्र के परित्याग या दान का नाम प्रासुक परित्यागता है। षट्खंडागम के अनुसार 16 कारण भावनाओं में यह एक भावना ।
ऋषभजयन्ती व्रत Vow of the birthday celebration of Jaina-Lord Rishabhadev. भगवान आदिनाथ की जयन्ती चैत्र कृष्ण 9 को उपवास व पूजन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवाग्नि Name of the 12th chief disciple of Lord Rishabhadeva. भगवान ऋषभदेव के 12 वें गणधर का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ प्रत्यक्ष: Direct non-sensory perception, direct intuition.प्रत्यक्ष प्रमाण का एक भेद, जो बिना किसी की सहायता से पदार्थ को स्पष्ट जानता है।
त्रसित The 10th Patal (layer) of the1st hell. प्रथम नरक का दसवाँ पटल। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]