चंद्रोदय!
चंद्रोदय A book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभानन्द नं . ३(ई. ७९७) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंद्रोदय A book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभानन्द नं . ३(ई. ७९७) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणि (कूट) – Mani (kuta). Name of the summits of Kundal & Ruchak mountains, Name of a summit and protecting deity of Shikhari Mountain. कुंडल व रुचक पर्वत पर स्थित एक कूट का नाम, शिखरी पर्वत पर स्थित एक कूट वरक्षक देव का नाम “
गोक्षीर फेन A city in the northern Vijayardh mountain. विजयार्ध परवत की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवागंना Female deities. देवियाँ- इनका जन्म केवल प्रथम एंव दूसरे स्वर्ग में होता है। और 16 स्वर्गों तक अपने-अपने नियोगी देवों द्वारा ले जायी जाती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सज्जनचित्तवल्लभ – Sajjanacittavallabha. Name of a treatise written by Acharya Mallishen. आचार्य मल्लिषेण (ई. 1047) द्वारा रचित अध्यात्म उपदेश रूप संस्कृत छंदबद्ध ग्रंथ ” इसमें 25 श्लोक हैं “
गुणौध Merits, virtues, One of the 1008 names of Lord Jinendra. गुणसमूह, भगवान जिनेन्द्र क्ले १००८ नामों में से एक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपातित ध्यान – सिद्ध परमेही का घ्यान करना। Rupatita Dhyana-A type of meditation deep engrossment in the form of Siddha Bhagvan
घुटुक The son of Bhim, the Pandav. पांडव भीम और हिडिम्बा का पुत्र. युद्ध में यह अश्र्वत्थामा के द्वारा मारा गया था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्रदेशी द्रव्य – Sapradeshee Dravya. Matters (5 dravyas except kal (time)Dravya) occupying space points. कालद्रव्य को छोड़कर शेष 5 द्र्रव्य सप्रदेषी है। कालद्रव्य अप्रदेषी है, क्योकि वह प्रदेषो के बंध या समूह से रहित है। अर्थात् कालद्रव्य के कालाणु भिन्न-भिन्न ही रहते है।