धूपघट!
धूपघट Aromatic & lustrous pots kept in Samavasharan – holy assembly of Lord. समवशरण की नाट्यशालाओं के आगे वीथियों के दोनों ओर धूपधूम्र से युक्त पात्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धूपघट Aromatic & lustrous pots kept in Samavasharan – holy assembly of Lord. समवशरण की नाट्यशालाओं के आगे वीथियों के दोनों ओर धूपधूम्र से युक्त पात्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घातायुष्क A type of deities (who are born in lower heavens due to degradation). जो अधिक आयु बांधकर बाड़ में संक्लेश परिणामों के कारण नीचे के स्वर्गों में उत्पन्न होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रांत:Invalid, Incorrect, Name of the 4th Patal (layer) of the 1st earth. भूला हुआ, कुपथगामी, भूल, प्रथम पृथ्वी का चतुर्थ पटल “
धान्यरस Rice water, cereals juice etc. गेहूँ, सोयाबीन आदि का दूध एंव चावल का माँड आदि को धान्यरस कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गुणनंदि A disciple of Acharya Jainandi. आचार्य जयनंदि के शिष्य तथा वज्रनंदि के गुरु (ई.४३६-४२)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धर्मोपदेशपीयूषवर्षा श्रावकाचार Name of a book. ई. सन् 1518-28 में रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग:Worldly or sensual enjoyments. भोजन वस्त्रादि पंचेन्द्रिय सम्बंदी विषय भोग पदार्थ कहलाते है “
धर्मसेन Name of a great Acharya possessing knowledge of 11 Angas & 10 Purvas, Name of a Bhattarak. एक आचार्य ; 11 अंग 10 पूर्व के ज्ञाता 11 महामुनियों में 11 वें मुनि, भट्टारक; सप्त व्यसन चरित्र के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]