जघन्य पद!
जघन्य पद A type of disquisition door ‘Anuyogadvar’ (reg. lowest). २४ अनुयोगद्वारों में एक ब्घेद ; जघन्य विभक्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य पद A type of disquisition door ‘Anuyogadvar’ (reg. lowest). २४ अनुयोगद्वारों में एक ब्घेद ; जघन्य विभक्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ड The thirteenth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी लिपि का तेरहवाँ व्यजन अक्षर, इसका उच्चारण सथान मूर्घा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आतोद्य Musical instruments. वाद्ययंत्रः ये तत, अतत, धन, सुषिर के भेद से 4 प्रकार के होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग कथा –Vitaraga Katha. Impartial wise discussion, a witty dialogue or discussion between learned persons. गुरु और शिष्य के बीच या रागद्वेष से विमुख विद्वानों के बीच तत्त्व निर्णय के लिए जो चर्चा चलती है उसे वीतराग कथा कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सवस्त्र लिंग – & Savastra Limnga. The female Jian ascetic. अपवाद लिंग अथवा स्त्री (आर्यिका) का लिंग ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनय मिथ्यात्व – Vinaya Mithyatva. Wrong belief-paying reverence to all deities of all religions. मिथ्यात्व के ५ भेदों में एक भेद; मन वचन काय से सभी देवों को नमन करना, सभी पदार्थों को मोक्ष का उपाय मानना ” अर्थात् सर्व धर्मों व सर्व देवों को समान जानकर मानना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वार्थसिद्धि (शास्त्र) – Sarvaarthasiddhi (shaastra) Name of a great treatise written by Acharya Pujyapad in Sanskrit language. आचार्य पूज्यपाद (ई0 श0) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की विषद संस्कृतभाषाबद्ध टीका ग्रंथ ।
द्वितीय मूल Cube of the 1st cube (related to maths). प्रथम मूल के मूल को द्वितीय मूल कहते हैं ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छह Six (essential activities of householders). ६ ; श्रावक के दान , पूजा , गुरुपास्ति , स्वाध्याय , संयम ,तप छह आवश्यक कर्म आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]