उपभोग लोभ!
उपभोग लोभ Greediness (in consumption etc.) . लोभ का एक भेद उपभोग वस्तुओं के प्रति आसक्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपभोग लोभ Greediness (in consumption etc.) . लोभ का एक भेद उपभोग वस्तुओं के प्रति आसक्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृच्छा – Prccha. Questioning, Asking, One of the 40 rights for the planning of uncertain holy death by a healthy saint. पूछना, सविचार भक्तप्रत्याख्यान विधि के ४० अधिकारों में २१ वाँ अधिकार; संग्रह से अनुग्रह की अनुज्ञा प्राप्त करना
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्रष्टा – Srastaa. The creator.बनाने वाला, विधि, स्रष्टा, विधाता, दैव, पुराकृत, कर्म और ईश्वर ये सब कर्मरुपी ईश्वर के पर्यायवाचक शब्द है।
ईशान इन्द्र A celestial deity, the 2nd one among all 12 types of Indras. ईशान स्वर्ग के उत्तर दिशा श्रेणीबद्ध विमान में ईशान नाम का दूसरा कल्पवासी इन्द्र रहता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगफल्गु – Bhagaphalgu. For both words see – Bhagadatta. दोनों शब्दों के लिए देखें – भगदत्त “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादस्ति नास्ति – Syaadasti Nasti. The third Bhang of saptbhangi-exposition of the nature of substance in the aspect of affirmation & negation, eg. The nature of the fire is hot and is not cold.सप्तभंगी का तीसरा भंग-किसी अपेक्षा से है, किसी अपेक्षा से नही है (पदार्थ के धर्म से सम्बन्धित कथन) अर्थात् स्वचतुष्टय (द्रव्य,…
जन्मातिशय Ten extraordinary and super excellences of Tirthankar’s (Jaina Lord’s) birth. तीर्थंकर के जन्म के स्वेद रहितता , निर्मल शरीर आदि १० अतिशय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्पाक्षिक Of similar opinion, Holding similar view. एक ही पक्ष में होना अर्थात् एक ही विचारधारा होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यधर्म – Satyadharma. One of the 10 particular religious observances- to speak truly. दशलक्षण धर्मों में एक धर्म ” जो मुनि दुसरे को क्लेश पहुंचाने वाले वचनों को छोड़कर अपने और दुसरे का हित करने वाले वचन कहता है उसके सत्यधर्म होता है ” अथवा सज्जन पुरुषों के साथ श्रेष्ठ वचन बोलना सत्य धर्म…