शुभ योग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ योग – Shubha Yoga. Auspicious & meritorious attitudes. मन वचन काय की शुभ या पुण्यरूप प्रवृत्ति ” अथवा योगों की विषयविरक्ति कषायनिग्रहरूप प्रवृत्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ योग – Shubha Yoga. Auspicious & meritorious attitudes. मन वचन काय की शुभ या पुण्यरूप प्रवृत्ति ” अथवा योगों की विषयविरक्ति कषायनिग्रहरूप प्रवृत्ति “
दृष्टिनिर्विष ऋद्धि A type of supernatural power (making one cured by casting a glance of a saint). जिस ऋद्धि के प्रभाव से प्रसन्नचित्त साधु के द्वारा देखने मात्र से रोग व विष से पीडि़त जीव स्वस्थ और निर्विष हो जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ काययोग – Shubha Kaayayoga. Bodily virtuous activities. पूजा भक्ति, व्रतादि रूप काय की चेष्टा “
दूर प्रकृष्टि Magnetic effect (as a quality), Power of attraction. दूर से खीचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घोषसेन Initiation spiritual teacher of the 7th Narayan (reg. past birth). ७वें नारायण के पूर्व भाव दीक्षा गुरु का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्थभुक्त A type of abandonment of food (fasting). दो उपवास; चार भोजन बेला का त्याग करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यलोकजिनालयव्रत – Madhyalokajinalayavrata. A type of Vow (fasting) to be observed for different 458 days related to the 458 natural temples of madhya lok (middle universe). इसमें मध्य लोक के 458 अकृत्रिम जिन मंदिरों के 458 व्रत करना होता हैं ” इनके मंत्र , पूजा एवं विधिको “व्रतविधिएवंपूजा” भाग 2 पुस्तक से लेना…
दुःस्वर नाम कर्म प्रकृति A Karmic nature causing bad voice. एक कर्म प्रकृति जिसके उदय से स्वर अच्छा न मिले । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिक्शुद्धि Directional purity, an activity of Jaina saints for Svadhyay. धवला आदि सिद्धान्त ग्रंथों के सवाध्याय हेतु की जाने वाली एक विशेष क्रिया पिछली रात्रि में वैरात्रिक स्वाध्याय के पश्चात् चारों दिशाओं में 27-27 श्वासोच्छ्वासपूर्वक 9-9 बार णमोकार मंत्र पढकर पौर्वाणिहक (प्रातःकालीन ) स्वाध्याय के पश्चात् अपरान्हिक स्वाध्याय हेतु 21-21 उच्छ्वासों में 7-7 बार चारों…