बाह्य त्याग!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य त्याग – Bahya Tyaga. To renounce all attachments (external materi- als). समस्त बाह्य परिग्रहो (धन धान्यादी ) का त्याग करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य त्याग – Bahya Tyaga. To renounce all attachments (external materi- als). समस्त बाह्य परिग्रहो (धन धान्यादी ) का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वमत – Sarvamata. Something universally accepted. जो सर्वरूप मान्य हो ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == साधक : == बाह्यमूघ्र्वमादाय, नावमाकांक्षेत् कदाचित् अपि। पूर्वकर्मक्षयार्थाय, इमं देहं समुद्धरेत्।। —समणसुत्त : ५६८ ऊध्र्व अर्थात् मुक्ति का लक्ष्य रखने वाला साधक कभी भी बाह्य विषयों की आकांक्षा न रखे। पूर्वकर्मों का क्षय करने के लिए ही इस शरीर को धारण करे। चरेत्पदानि परिशंकमान:, यत्कििंचत्पाशमिह मन्यमान:। लाभान्तरे जीवितं…
चैत्य भूमि The land for temple (related to eternal Jain idols). भवनवासी आदि सभी देवों के जिनमंदिरों में चैत्यभूमि होती है जो अकृत्रिम जिनप्रतिमा से युक्त होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वचंद्र – Sarvachandra. Name of a saint of Nandi group, the disciple of Vasumandi. न्ंदिसंघ के देषीयगण की गुर्वावली के अनुसार वसनंदि के षिष्य तथा दामनंदि के गुरू । समय-ई0 918-948 ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यकुमुदचन्द्रिका – Bhavyakumudachandrika. Name of a treatise written by Pandit Ashadhar. पं. आशाधर (ई. ११७३- १२४३) कृत एक ग्रंथ “
चूलितांग A time unit. काल का एक प्रमाण , ८४ लाख प्रयुत प्रमाण काल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्प – Sarpa. A snake a serpent, a significant symbol of lord Parshvanath, The presiding deity of a lunar Ashlesha. भगवान पाश्र्वनाथ का चिन्ह, सातवें नक्षत्र आश्लेषा का अधिपति देवता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्ममालिनी: Name of a chief female divinity of peripatetic Indras. व्यंतर इन्द्र की प्रधान देवी का नाम ।