वरांग चरित्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरांग चरित्र – Varaanga Charitra.: Name of the books written by Acharya Jatasinhnandi & by Bhattarak Varddhaman. आचार्य जटासिंहनंदी कृत एक काव्य , वर्द्धमान भट्टारक कृत संस्कृत ग्रन्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरांग चरित्र – Varaanga Charitra.: Name of the books written by Acharya Jatasinhnandi & by Bhattarak Varddhaman. आचार्य जटासिंहनंदी कृत एक काव्य , वर्द्धमान भट्टारक कृत संस्कृत ग्रन्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथ काव्य पंजिका – Parsvanatha Kavya Pamjika. A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई. १५१६-१५५६) द्वारा रचित एक संस्कृत काव्य ग्रन्थ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावक्रोध – Bhavakrodha. Passionate, spiteful or hostile nature. दूसरों का पराभव करना आदि द्वेषपूर्ण विचार मन में लाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भरतक्षेत्र – Bharataksetra. Name of a great region. जंबूद्वीप के ७ क्षेत्रों में प्रथम क्षेत्र, इसके ५ म्लेच्छ, १ आर्य ऐसे ६ खंण्ड हैं “
द्रव्य मल Eight Karmas obscurring knowledge etc. ज्ञानावरणादि 8 कर्म। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शरीर : == मांसास्थिकसंघाते, मूत्रपुरीषभूते नवच्छिद्रे। अशुचि परिस्रवति, शुभं शरीरे किमस्ति ? —समणसुत्त : ५२० मांस और हड्डी के मेल से निर्मित, मल—मूत्र से भरे, नौ छिद्रों के द्वारा अशुचि पदार्थ को बहाने वाले शरीर में क्या शुभ हो सकता है ?
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोक्षेत्र – Nokshetra. All 5 entities rather than ‘Sky’. आकाश द्रव्य के अतिरिक्त जीव, पुदगल, धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय तथा काल द्रव्य नोक्षेत्र कहलाते है “
द्रव्य परमाणु Particles of matters. ब्राह्य पदार्थ का अंश मात्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयवादी – Vinayavadi. Particular follower of the vinayvad (policy of humility). एकांतमती; विनयवादियों के ३२ भेद हैं “