ब्रह्मशिरस्!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मशिरस् – Brahmasiras. Name of a weapon which can make ineffective the another weapon which named as Ashvagriv. अश्वग्रीव नामक शास्त्र को रोकने में समर्थ शस्त्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मशिरस् – Brahmasiras. Name of a weapon which can make ineffective the another weapon which named as Ashvagriv. अश्वग्रीव नामक शास्त्र को रोकने में समर्थ शस्त्र “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संवर : == सर्वभूतात्मभूतस्य, सम्यक् भूतानि पश्यत:। पिहितास्रवस्य दान्तस्य, पापं कर्म न बध्यते।। —समणसुत्त : ६०७ जो समस्त प्राणियों को आत्मवत् देखता है और जिसने कर्मास्रव के सारे द्वार बंद कर दिए हैं उस संयमी को पापकर्म का बंध नहीं होता। तपसा चैव न मोक्ष:, संवरहीनस्य भवति जिनवचने।…
चक्रवान् A city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्रभवन Name of the residence and the cave of Kuber in Nandanvan (a forest) of ‘Sumeru’ mountain. सुमेरू पर्वत के नंदन आदि वनों में स्थित कुवर का भवन व गुफा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समानदत्ति – Samaanadatti. A type of donation with equality (in virtues etc). or donation to equals. चतुर्विधदत्ति का एक भेद। क्रिया, मंत्र, व्रत आदि मे जो अपने समान है उन्हें पृथिवी, कन्या, स्वर्ण आदि देना समानदत्ति है। अपरनाम-समदत्ति।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिगुरु – Namdiguru Name of the writer of ‘Prayashchitta Samuchchaya Tika’ etc. प्रायश्चित्त समुच्चय टिका, प्रायश्चित चूलिका टिका के कर्ता ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Number of books are there by the title ‘Nayachakra’, Name of Sudarshan Chakra Ratna. नयचक्र नाम के कई ग्रंथ हैं जिनमें नय व प्रमाण के विषय का निरुपण हैं, नीति से युक्त सुदर्शन चक्र रत्न “