नैकायिक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैकायिक – Naikaayika. An eoithet for a saint engrossed in Ratnatray. पूर्णरत्नत्रय निकाय में हुआ नैकायिक है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैकायिक – Naikaayika. An eoithet for a saint engrossed in Ratnatray. पूर्णरत्नत्रय निकाय में हुआ नैकायिक है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्र – Vajra Name of the 1st & 68th chief disciples of Lord Abhinandannath & Lord Adinath respectively, A thunderboll , stroke of lightening. तीर्थंकर अभिनन्दननाथ के प्रथम एवं भगवान आदिनाथ के 68वें गणधर का नाम , एक अस्त्र –इसकी मार से पर्वत भी चूर – चूर हो जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेत्र (चक्षु इन्द्रिय) – Netra (Chakshu Indriya). Eyes. आँख, चक्षु (चौथी इंद्रिय) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवादेवी – Shivaadevee. Mother’s name of Lord Neminath. भगवान नेमिनाथ की माता, महाराज समुद्रविजय की महारानी का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीली – Neelee. Name of a lady famous for high moral character. प्रसिद्द पतिव्रता शीलवती स्त्री “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राश्ट्रकूटवंष – जंगतंुग अमोधवर्श आदि राजाओ का वंष। इस वंष का राज्य मालवा प्रदेष में था। राजधानी मान्यखेट थी। Rastrakutavamsa-Name of a dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निचैर्वृत्त्ति – Nichairvritti. Politeness, Meekness. नम्र वृत्ति, नम्रता” जो गुणों में उत्कृष्ट है उनके प्रति विनय अथवा नम्रता से रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयव्रत – वर्श में 3 बार, भादो, माध चैत्र में विघिपूर्वक षु, 13 से पूर्णिमा तक किया जाने वाला व्रत। Ratnatrayavrata- A particular type of vow or fasting
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिव – Shiva. Name of the 13th Tirthankar (Jain-Lord) of past time, Name of a door of samavsharam(assembly of lord). भूतकालीन तेरहवें तीर्थंकर, समवशरण के तीसरे कोट के दक्षिण द्वार का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भग्नघट श्रोता – Bhgnaghata Srota. A type of false listener. अपात्र श्रोता का एक भेद; फूटे घड़े की तरह होना जिसमें उपदेश नहीं ठहरता “