ऋत!
ऋत Fixed order, Truth, Pain, Trouble. ऋत का अर्थ सत्य एंव दुःख दोनों में लिया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऋत Fixed order, Truth, Pain, Trouble. ऋत का अर्थ सत्य एंव दुःख दोनों में लिया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिषष्ठि शलाका पुरूष Sixty three great personages (who attain salvation through any birth). 24 तीर्थंकर + 12 चक्रवर्ती +9 नारायण +9 प्रतिनारायण +9 बलभद्र ये 63 महापुरूष 63 शलाकापुरूष कहलाते है। प्रथमानुयोग के ग्रंथों में इनका वर्णन पाया जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेश्वर:Name of 16th Tirthankar (Jaina-Lord) of past era, Supreme sould-Lord Arihant & Siddha.भूतकालीन 16 वें तीर्थकर, परमात्का, अहंत व सिद्व भगवान ।
दिगम्बर आम्नाय A sect of Jaina. जैनों में वह भेद (मत) जो साधु एक भगवान को निग्र्रंथ वस्त्रादि रहित दिगम्बर मानते हैं। वर्तमान में जैन धर्म में दो आम्नाय चली आ रही न दिगम्बर आम्नाय है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमुख उदय:Annihilation of Karmic nature (in transformed form)।जो कर्म प्रकृति अन्य प्रकृति रूप होकर उदय में आती है। जैसे -नरकगति, देवगति, वैक्रियिक शरीर आदि कर्म प्रकृतियाॅं ।
तुरीय चारित्र A super conduct, to be observed in the 10th stage of spiritual development (Gunsthan). चैथा सूक्ष्मसाम्पराय चारित्र , यह 10 वें गुणस्थान में होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधर्म्य उदाहरण – Saadharmya Udaaharana. Smoke showing existence of fire, an example of means with its relative objects. जो जो धूमवाला है वह वह अग्नि वाला है जैसे -रसोईघर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सातिशय मिथ्यादृष्टि – Saatisaya Mithyaadrsti. Wrong believers who are going to attain right belief. प्रथमोपशम सम्यक्तव के अभिमुख जीव सातिशय मिथ्यादृष्टि कहलाते है।
दासत्व Servitude; being in the service of God. सेवकपने की भावना सम्यग्दृष्टि का वात्सल्य गुण सिद्ध प्रतिमा, जिनबिम्ब, जिनमन्दिर, चार प्रकार के संघ में और शास्त्रों में वात्सल्य भाव भी दासत्व कहलाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]