बालपंडितमरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालपंडितमरण- सम्यग्दृष्टि देशव्रती श्रावक का मरण। Balapanditamarana- Death of a well conducting householder
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालपंडितमरण- सम्यग्दृष्टि देशव्रती श्रावक का मरण। Balapanditamarana- Death of a well conducting householder
देवविमान Space vehicles of deities. देवों के विमान, तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में 13 वां स्वप्न जिसका फल यह होता है कि उत्पन्न होने वाला ‘जीव स्वर्ग से अवतीर्ण होगा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदेव- बलभद्र; नारायण के बड़े भई, ये संख्या में 9 होते हैं एवं स्वर्ग या मोक्ष जाते है। Baladeva- A type of great personages
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखस्थ कमल–Mukhast Kamal. A type of meditation, to establish ‘Saa’ (a mystic word) into the mouth. पदस्थ धयन की प्रक्रिया के अंतर्गत एक क्रिया, मुख स्तिथि कमल जहा पंचाक्षरी मन्त्र (असिआउसा) के‘सा’ को स्थापित किआ जाता है”
उपशमसम्यग्दृष्टि One who acquires right faith due to upasham. उपशम सम्यक्त्व को प्राप्त करने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्ध (पुण्य-पाप)- पुण्य एवं पाप कर्मो का बंध होना। Bandha (punya- papa)- Binding of karmas- meritorious & demeritorious
भद्रबाह- ये पाँचवे श्रुतकेवली थे। 12 वर्ष के दुर्भिक्ष के कारण इनको उज्जैनी छोड़कर दक्षिण की ओर प्रस्थान करना पड़ा था। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य भी उस समय उनसे दीक्षा लेकर साथ ही दक्षिण देश को चले गये थे। श्रवण बेलगोल में चन्द्रगिरी पर्वत पर दोनों की समाधि हुयी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्य महाव्रत – Satya Mahaavrata. Great vow of true speech (right speaking according to text). राग द्वेष या मोह से प्रेरित जैन साधुओं द्वारा सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग करना और आगम के अनुरूप बोलना सत्य महाव्रत है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बध्यमान कर्म- मिथ्यात्वादि प्रत्ययों द्वारा कर्म रुप प्राप्त होने वाला कार्मण स्कंध बध्यमायन कहलाता है। Badhyamana Karma- A karmic aggregate bound with delusions
चक्रवाल व्रत Name of a vow to be observed with particular procedure at different Nakshatra days related to their respective lunar months. For eg. observing vow at the day of Chitra Nakshatra in the month of Chaitra. प्रत्येक मास से सम्बंधित नक्षत्र में अयह व्रत ३ वर्ष ३ माह तक किया जाता है जैसे -चैत्रमास…