पंचशिखरी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशिखरी – Panchashikharee. Mountains having 5 summits are called Panchashikhari. अनच कूटों से सहित होने के कारण हिमवान, महाहिमवान निषधपर्वत को पंचशिखरी कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशिखरी – Panchashikharee. Mountains having 5 summits are called Panchashikhari. अनच कूटों से सहित होने के कारण हिमवान, महाहिमवान निषधपर्वत को पंचशिखरी कहते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती आराधना – Bhagavati Aradhana. Name of a book written by Achrya Shivakoti. आचार्य शिवकोटि (ई,श. १ ) कृत एक ग्रंथ ” इसमें जैन साधुओं की चर्या एंव सल्लेखना विधि का विस्तार से वर्णन है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जीवात्मा : == ववहारणयो भासदि, जीवो देहो य हवदि खलु इक्को। ण दु णिच्छयस्स जीवो, देहो य कदापि एकट्ठो।। —समयसार : २७ व्यवहार दृष्टि (नय) से जीव (आत्मा) और देह एक प्रतीत होते हैं किन्तु निश्चय दृष्टि से दोनों भिन्न हैं, कदापि एक नहीं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक् (वचन) – Vaak (Vachana). Different types of speech. शुभ –अशुभ रूप बोलने अथवा उच्चारण करने की क्रिया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमावगमेश – Panchamaavagamesha. Omniscient one. पंचमज्ञान, केवलज्ञान के स्वामी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मसुन्दर :A disciple of Pandit Padmameru who wrote a book ‘Bhavishyadattacharit’. पंडित पद्ममेरू के शिष्य एवं भविष्यदत्त चरित के रचयिता ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == चोरी : == गुणा गौणत्वमायाति याति विद्या विडम्बनाम्। चौर्येणाकीर्तय: पुंसां शिरस्यादधते पदम्।। —ज्ञानार्णव : १२८ चोरी करने से गुण छुप जाते हैं, विद्या निकम्मी हो जाती है और बदनामी सिर पर चढ़कर बोलती है।
उपेक्षा Indifference, Negligence, Overlooking . रागद्वेष रूप परिणामों का नहीं होना वैराग्य संबंध न रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मरथ: Past-birth name of Lord Anantnath, Name of a kind of Hastinapur. धातकीखण्ड में अरिष्ट नगरी का राजा था, अंत में सल्लेखना पूर्वक मरणकर अच्युत स्वर्ग में इंद्रपद प्राप्त किया, वह अनन्तनाथ भगवान का दूसरा पूवभव है इसी भव में उन्होंने तीर्थकर प्रकृति का बंध कया था । मुनि विष्णुकुमार के बडे़भाई हस्तिनापुर के…