सर्जकषाय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्जकषाय – Sarja Kashaaya. Bitter or pungent passions. सर्ज साल नाम के वृक्ष को कहते है। उसके कषैले रस के समान जीव की कषायरूप् परिणति को सर्जकषाय कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्जकषाय – Sarja Kashaaya. Bitter or pungent passions. सर्ज साल नाम के वृक्ष को कहते है। उसके कषैले रस के समान जीव की कषायरूप् परिणति को सर्जकषाय कहते है।
उत्तंस A superior diamond engraved crown. किरीट से भी उत्तम कोटि का रत्नजडि़त मुकुट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारित्रवृद्ध Abundance in character and austerity. चारित्र- तप आदि की अधिकता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारित्रपंडित Noble and learned person having good conduct. सामायिक छेदोपस्थापना आदि पांच प्रकार के चारित्र के धारक मुनि ।।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृहा – Sprhaa. Longing, intention, desire.वांछा, इच्छा, कामना, अभिलाषा।
छक्कमुवष्स Name of a treatise pertaining to mundane activities. गृहस्थ षट्कर्म विषयक एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष नाम कर्म प्रकृति – Sparssana Naama Karma Prakrti. Physique making karmic nature causing sense of touch in the body.उत्पन्न कर्म के उदय से शरीर मे ठंड, गरम आदि स्पर्ष का ज्ञान उत्पन्न होता है उसे स्पर्ष नाम कर्म प्रकृति कहते है। इसके स्निग्ध, रुक्ष, मृदु, कठोर, शीत, उष्ण, हल्का और भारी 8 भेद…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूर्वाभिमुख – Purvabhimukha. See- Purvamukha. देंखें – पूर्वमुख “