प्रमेयरत्नाकर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमेयरत्नाकर- प्र. आषाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित एक ग्रंथ। Prameyaratnakara- A book written by PanditAshadharji
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमेयरत्नाकर- प्र. आषाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित एक ग्रंथ। Prameyaratnakara- A book written by PanditAshadharji
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमादयोग- हिंसा का लक्षण; कशाय सहित योगों की प्रवृति। Pramadayoga- Tendency of performing careless (violenceful) activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक बुद्धि ऋद्धि- ऋद्धि; जिसके द्वारा गुरु उपदेष के बिना ही कर्मो के उपषम से सम्यग्ज्ञान और तप के विशय में प्रगति होती है। pratyeka buddhi riddhi – a type of supernatural power related to self enlightened.
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ममत्व : == ममता खट परै रगे, ओनीदे दिन रात। लेनो न देनो इन कथा, भोरे ही आपत जात।। —आनन्दघन ग्रंथावली :: पद : ३५ ममता नारी में यदि कोई गुण है तो वह है मोहित करने का। किन्तु वह स्वर्ण—कटार किस काम की, जिसका स्पर्श—मात्र प्राणान्त का…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणक देव- एक प्रकार के व्यन्तरजातीय देव। इनकी उत्कृश्ट आयु 70,000 वर्श है। Pramanaka Deva- A type of peripatetic deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमत्त- हिंसक, प्रमादी, संज्वलन कशाय के तीव्र उदय से होने वाले प्रमाद से सहित। Pramatta- One with having passional vibrations, Lustful
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरजा – Viraja. Name of the prime city in Nalin Kshetra (region) ‘of west videh (region), Name of a vapi (like large lake) situated in southern Nandishvardvip (is- land). अपर विदेह के नलिन क्षेत्र की प्रधान नगरी, नन्दीश्वर द्वीप की दक्षिण दिशा में स्थित वापी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभा- आभा; द्रव्यों का अपना विषेश सलोापरन या तेज, सौधर्म स्वर्ग का एक पटल। Prabha- Lustre, rediance, Splendour, A patal (layer) of Saudharma heaven
देवपुत्र Name of the 6th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन तेईसवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] A worshipper of Lord Arihant. भावीकालीन छठवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायोगिकी क्रिया- क्रिया का एक भेद; गाड़ी आदि की पुरुश प्रयत्न से होने वाली क्रिया। PrayogikiKriya- Human efforted activity