तरुण सागर (मुनि)!
तरुण सागर (मुनि) Trees. आचार्य श्री पुष्पदंतसागर महाराज के एक प्रभावक शिष्य, 20वीं शताब्दी में सबसे छोटी उम्र में दीक्षा धरण कर अपनी ओजस्वी प्रवचनशैली से आप क्रांतिकारी संत के रुप में प्रसिद्ध हुए है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तरुण सागर (मुनि) Trees. आचार्य श्री पुष्पदंतसागर महाराज के एक प्रभावक शिष्य, 20वीं शताब्दी में सबसे छोटी उम्र में दीक्षा धरण कर अपनी ओजस्वी प्रवचनशैली से आप क्रांतिकारी संत के रुप में प्रसिद्ध हुए है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकसंस्थान – Lokasansthaana.: A kind of religious observance (contemplation over the size of universe with prescribed procedure). धर्म ध्यान का एक भेद –संसथान विषय ” मुनि चित की एकाग्रता के साथ लोक के आकार का चिंतन आगम के अनुसार करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरंजन – Niranjana. Untainted (pure), Another name of Mohshmarga (path of salvation) परमशुद्ध, निश्चयमोक्ष मार्ग का एक अपरनाम “
तपोरूपा A type of divine power or knowledge. एक विद्या यह रावण को सिद्ध थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरश्रेष्ठ – Surasreshtha. The past birth soul of the 21th thirthkar(Jain Lord) Naminath. 21 वें तीर्थकर नमिनाथ के एक पूर्व भव का नाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्वतेय – Parvateya. A type of Vidyadhars of Matang caste. मातंग्ड जाति विध्याधरों का एक भेद; हरे रंग के वस्त्रों से तथा नाना प्रकार की माला व् मुकुटों से युक्त “
तद्भवस्थ केवली An omniscient (of the same birth in which he got omniscience). जिस पर्याय में केवलज्ञान प्राप्त हुआ उसी पर्याय में स्थित केवली । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमतिदेव – Sumatideva. Name of the great Acharya, the writer of ‘Sanmati Tarak Tika’. मूलसंघ में कुन्दकुन्द आचार्य परम्परा के एक आचार्य सन्मति तर्क टीका ग्रन्थ के रचयिता । समय – ई0 श0 7-8 ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारमार्थिक सुख – Parmarthika Sukha. Supreme enjoyment, spiritual bliss, परम, सर्वोत्कृष्ट एवं यथार्थ आत्मिक सुख “
तप-उद्योतन To make self enlightened and pure by penance. तप आराधना संयम भावना में तत्पर रहकर तपश्चरण निर्मल बनाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]