उपशांतमोह!
उपशांतमोह Subsided delusion, The saint with quiescent passions . उपशम कषाय का अपर नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशांतमोह Subsided delusion, The saint with quiescent passions . उपशम कषाय का अपर नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगदेव – Bhujangadeva. A type of peripatetic deities living at some up – per distance from the earth. महोरग जाति के व्यंतरों का एक भेद, लवण समुद्र के ऊपर आकाश में स्थित भुजंग नामक देवों की २८ हजार नगरियाँ हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर मंगल –Lokottara Mangal: Artificial & natural temples,Lord Arihant etc. are called Lokottara Mangal. अरिहंत भगवान ,कृत्रिम-अकृत्रिम चैत्यालय आदि ये समस्त संसार के लिए मंगल स्वरुप होते हैं “
उपसौमनस A part of Saumanasa forest. सौमनस वन का एक अन्तर्वर्ती वन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्वीपायन A king of Kuru dynasty, by whose passionate anger Dwarika was burnt when he was in Muni stage. कुरूवंश के एक राजा , जो आगे चलकर एक मुनि हुए जिनके क्रोध से द्वारिका भस्म हुई। इनका अपरनाम – द्वैपायन मुनि भी है। विशेष कथा हरिवंशपुराण एंव पाण्डवपुराण में देखें ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आवीचिका मरण Instantial death (destruction of the body). जीव की आयु का प्रतिक्षण क्षीण होने रूप नित्य मरण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति अक्षर – Nirvrtti Akshara. Words pronounced by the living beings. जीवों के मुख से निकले शब्द, यह व्यक्त और अव्यक्त ऐसे दो प्रकार से होते है “
उत्तरोत्तर कर्म प्रकृति Secondary karmic nature. 148 उत्तर कर्म प्रकृतियों के भी भेद-प्रभेद।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकृति – Nirvikriti. Tasteless substance like buttermilk etc. जिस आहार को परस्पर मिलाने से विशेष स्वाद उत्पन्न होता है उसे विकृति कहते है, विकृति से रहित छाछ आदि को निर्विकृति कहते है “
आर्हन्त्य क्रिया An auspicious and sacred activity. कत्र्रन्वय की क्रियाओं में छठी क्रिया-केवलज्ञान होने पर देवों द्वारा की जाने वाली अर्हंतों की पूजा आदि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]