तूष्णीक!
तूष्णीक Devil; a type of peripatetic deities. पिशाच जातीय व्यंतर देवों का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तूष्णीक Devil; a type of peripatetic deities. पिशाच जातीय व्यंतर देवों का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिभूति – Namdibhuti Name of the 4th predestined Narayan. आगामी चतुर्थ नारायण ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदन – Shreenandana. The father of Saptrishi (particularly 7 saints). श्रीमन्यु आदि सप्तऋषियों के पिता ” प्रीतिंकर मुनि के केवलज्ञान के समय एक मास के पौत्र को राज्य देकर सातों पुत्रों सहित दीक्षा ग्रहण की, अंत में मुक्ति प्राप्त की “
एकपादतप An austerity, standing on a leg. एक पैर पर खड़ा होना (अयनादि कायक्लेश का भेद)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Doctrine of viewpoint, Synonym word for scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रावणद्वादशी व्रत – Shraavanadwadashi Vrata. A particular type of vow (fasting). 12 वर्ष पर्यंत प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. 12 का उपवास तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य “
देवदेवमातृक Countries having rain fall. वर्षा के जल से सींचे जाने वाले देश।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदवती – Namdavati Name of a large well of Nandishvardvip (island). Name of a female deity of Ruchak mountain. नंदीश्वर द्वीप की वापी का नाम, रुचक पर्वत की दिक्कुमारी देवी का नाम ”
[[श्रेणी:सूक्तियां]] ==जैन सूक्तियाँ== ==अंतरात्मा :== अन्तरबाहिरजप्पे, जो वट्टइ सो हवेइ बहिरप्पा। जप्पेसु जो ण वट्टइ, सो उच्चइ अंतरंगप्पा।। जो अंदर और बाहर के जल्प (विचन—विकल्प) में रहता है वह बहिरात्मा है। और जो किसी भी जल्प में नहीं रहता, वह अन्तरात्मा कहलाता है। अक्खाणि बहिरप्पा, अंतरअप्पा हु अप्पसंकप्पो। —मोक्खपाहुड : ५ इन्द्रियों में आसक्ति बहिरात्मा…
आभिनिबोध Sensory knowledge; knowledge obtained by mental capacity. मतिज्ञान का पर्यायवाची नाम इन्द्रिय ओर मन की सहायता से अभिमुख और नियमित पदार्थ का ज्ञान होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]