शरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरण – Sharana. Shelter, Refuge, Protection. सहारा, आश्रय, रक्षा ” शरण के दो भेद हैं-लौकिक अर्थात् राजा आदि की शरण एवं लोकोत्तर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरण – Sharana. Shelter, Refuge, Protection. सहारा, आश्रय, रक्षा ” शरण के दो भेद हैं-लौकिक अर्थात् राजा आदि की शरण एवं लोकोत्तर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] A country of Bharat Kshetra Middle Arya Khand (Region), भरतक्षेत्र मध्य आर्यखण्ड का एक देश ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदर्भ – Vidarbha. A part of Maharashtra state, Name of the chief disciple of Lord Pushpadant. महाराष्ट्र प्रांत का एक भाग, तीर्थकर पुष्पदंत के मुख्य गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परवर्ती:Successive, Subsequent.क्रम, वंश अथवा शाखा में होने वाले आचार्य आदि ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैभाविक शक्ति –VaibhavikiSakti Power causing passionate feelings contrary to the real nature. जीव-पुदगल की स्वभाव से रूपान्तर ग्रहण करने की शक्ति अथार्त राग आदि विकारी भाव ग्रहण करने वाली जीव पुदगल की शक्ति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
त्रिकाली पर्याय Practice of equanimity three times a day. तीन कालों में क्रम से होने वाली अनंत पर्यायें ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विलास – Vilasa. Flirthing, Merriment, enjoyment. आनंद, मनोरंजन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नादग्रह – Nadagraha A part of the palace of deities भवनवासी देवों के भवनों में एक कक्ष ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिथिलाचारी : == सन्त्येकेभ्यो भिक्षुभ्य:, अगारस्था: संयमोत्तरा:। अगारस्थेभ्य सर्वेभ्य:, साधव: संयमोत्तरा:।। —समणसुत्त : २९८ यद्यपि शुद्धचारी साधुजन सभी गृहस्थों से संयम में श्रेष्ठ होते हैं तथापि कुछ (शिथिलाचारी) भिक्षुओं की अपेक्षा गृहस्थ संयम में श्रेष्ठ होते हैं।