देवसेवा!
देवसेवा Eulogical worshipping of Lord Arihant. देवपूजा , अभिषेक व 8 द्रव्य से पूजन,स्तुति करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवसेवा Eulogical worshipping of Lord Arihant. देवपूजा , अभिषेक व 8 द्रव्य से पूजन,स्तुति करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाखंडी :Dissembling, Hypocritical.संसार चक्र मे भ्रमण करने वाले झूठे साधु या तपस्वी।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पांशुमूलिक:A type of a caste related to vidyadhara.एक विद्याधर वंशीय जाति का नाम।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूद्र – 88 ग्रहो में एक, तीसरे रूद्र एवं तीसरे नारद का नाम, जिनदीक्षा लेने के उपरान्त संयम भ्रष्ट होकर रौद्र कार्य करने लगते है। ये दसवें विद्यानुवाद पूर्व का अध्ययन करते समय विशयासक्त होकर तप से भ्रष्ट हो जाते है। और नरकगामी होते है।रूद्र 11 होते है। Rudra-name of a planet, Name of…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्कार – Satkaara. Respect, Reverence, Honour, Reception. आदर, सम्मान, विनय, पूजा-प्रशंसा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्ता-गौण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय – Satta-Gauna Utpaada-Vyaya Graahaka Naya. A standpoint emphasizing the property of production & destruction of matterds reather than their permanence. पदार्थ में विद्यमान गुणों की अपेक्षा को मुख्य न करके उत्पाद व्यय ध्रौव्य के आधीनपनें रूप से द्रव्य को विनाश व उत्पत्ति स्वरुप माननेवाला सत्तानिरपेक्ष या सत्ता-गौण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगसंक्रमण – योग सक्रान्ति प्रथम षुक्लध्यान में मन वचन काय योगो का पलटना। Yogasamkramana- Transition of all activities (related to mind speech & body) in auspicious & sacred mode
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्थान गोपुच्छा :Particular decreasing sequence of Krishti.निचली विवक्षित संग्रह कृष्टि की अन्त कृष्टि के ऊपर की अन्य संग्रहकृष्टि का विषेष घटता क्रम ।