यशोधर्मा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोधर्मा – भोजवंश के एक राजा का नाम। समय ई 1143 – 1153 Yasodharma- Name of a king of Bhoj Dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोधर्मा – भोजवंश के एक राजा का नाम। समय ई 1143 – 1153 Yasodharma- Name of a king of Bhoj Dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ आस्रव – Shubha Aastrava. Flow of auspicious Karmas. पूण्यकर्म के आने योग्य मन, वचन, काय की शुभ प्रवृत्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजपिंड – राजा आदि विषेश धनाढय व्सक्तियो के यहां से आहार ग्रहण करना।साधुओं के लिए ऐसे आहार ग्रहण करना निशेध है। Rajapinda-Food taking from kingly or royal families (Restricted from saints)
चतुर्विंशतिस्तव Eulogy of 24 Tirthankars (Jaina-Lords). अंगबाह्य श्रुत के १४ प्रकीर्णकों में एक प्रकीर्णक , तीर्थंकरों के गुणों का कीर्तन करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयप्रबद्व – Samayaprabaddha. Binding of karmic molecules with the soul in one samay (a time unit). एक समय मे जितने कर्म व नोकर्म वर्गणाएं आत्मा से बंधती है उसे समय प्रबद्व कहते है। इसका जधन्य प्रमाण अभव्य राषि से अनंतगुणा व उत्कृष्ट प्रमाण सिद्व राषि से अनंतवां भाग है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेषन्दीगिरी तीर्थ – मध्यप्रदेष के छतरपुर जिले में अवस्थित एक सिद्ध क्षेत्र जहां से वरदत्त आदि मुनि मोक्ष पधारे। इस क्षेत्र का दूसरा नाम नैनागिरी भी है। Resandigiri (Tirtha)-Name of a place of pilgrimage (Siddhakshetra) of M. P. It’s another name is nainagiri
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम धर्मध्यान – Madhyama Dharamadhayana. A kind of right religious observances. धर्मध्यानके 3 भेदों में एक भेद ” गृहस्थ धर्म का संचालन करते हुए धर्म के प्रति भी मध्यम प्रवृति करते रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रैन मंजुषा – हंसद्वीप के राजा कनककेतू की पुत्री का नाम। सहस्त्रकूट चैत्यालय के कपाट खोलने से श्रीपाल से विवाही गई थी। Raina Manjusa-The daughter of king Kanakaketu of Hansdvip (island)
ग्रहण Acceptance, Acquisition, Receiving, Eclipse. स्वीकार करना , अवग्रह ,जानना , सूर्य या चंद्रग्रहण पड़ना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समचतुररत्र संस्थान (नामकर्म) – Samachaturasra Sansthaana (Naamakarma). Physique making karma causing formation of property proportionate body. जिस कर्म के उदय से जीव का शरीर सुडौल होता है उसे समचतुररत्र संस्थान नामकर्म कहते है।