आलोचना!
आलोचना Criticism (assessment of self). गुरु के पास अपने अपराधों को कहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आलोचना Criticism (assessment of self). गुरु के पास अपने अपराधों को कहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊर्ध्वता सामान्य Common property of a matter. पूर्व और उत्तर पर्यायों में रहने वाले द्रव्य को ऊध्र्वता सामान्य कहते हैं जैसे गोरस जो दूध व दही दोनों पर्यायों में होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणी- जीव जिसमें इन्द्रिय, बल, आयु और श्वासोच्छ्वास आदि प्राण विद्यमान रहते है। Prani- living beings possessing different type of vitalities
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैराग्य –Vairagya Aversion from worldly life, to be free from all worldly attachments. संसार शरीर तथा भोगों से विरक्त भाव अथवा उदासीन या शांतभाव “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेमंदर पुराण–Memandar Puran. Name of a tratise written by Vaman Muni. ई.श. 12–13 में हुए तमिल कवि ‘वामन मुनि’ द्वारा रचित ग्रंथ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राण असंयम- वट्काय जीवों की विरधना से उत्पन्न असंयम प्राण असंयम है। PranaAsamyanma- Violence of living beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिरात्मा – मिथ्यादर्शन से मोहित जीव जो आत्मा के ज्ञान, ध्यान से विमुख रहकर इन्द्रियों के सुख को भेगता है। Bahiratma- Follower of materialism of worldly enjoyments
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलऋद्धि- एक ऋद्धि जो मन, वचन व काय क भेद से तीन प्रकार की होती है। परीाहों के सहने में बलप्रदायिनी ऋद्धि। बाहुबली भगवान ने यह ऋद्धि अपने तपोबल से प्रप्त की थी। Balarddhi- A type of supernatural power related to strength