निश्चय प्रभावना!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्रभावना – Nishchaya Prabhaavanaa. Enlightening the soul by the influence of right belief-knowledge & conduct. मुनि अवस्था में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चरित्र रूप रत्नत्रय के प्रभाव से आत्मा को प्रकाशमान करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्रभावना – Nishchaya Prabhaavanaa. Enlightening the soul by the influence of right belief-knowledge & conduct. मुनि अवस्था में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चरित्र रूप रत्नत्रय के प्रभाव से आत्मा को प्रकाशमान करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पभोसा (तीर्थ):Name of a pace of pilgrimage which is the institution & Omniscience place of the 6th Tirthankar (Jaina Lorde) Padmaprabh situated near Kaushambi (U.P) उत्तर प्रदेश में कौशम्बी के निकट बसा एक तीर्थ । छठे तीर्थकर भगवान पदमप्रभ की दीक्षा एवं केवलज्ञान कल्याणक भूमि । पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्लेच्छ खण्ड–Mlechha Khand. Particular parts of earth according to Jain Philosophy where Mlechha people live. म्लेच्छ मनुष्योंकी आवास भूमि”
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मावती कल्प:A book written by Mallishen Bhattarak. मल्लिषेण भटटारक (ई0 श0 11) कृत तान्त्रिक ग्रंथ ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षमार्ग प्रकाशक–Mokshmarg Prkashak. Name of a book written by Pandit Todarmalji. प. टोडरमल जी द्वारा रचित एक ग्रंथ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक संगति –Laukika Sangati : Worldly relationship . लौकिक जनों का संसर्ग या सांसारिक असंयमी जनों की संगति “संयमीजनों के लिए असंयमीजनों की संगति निषिद्ध मानी गई है
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मसेन:Past-birth name of Lord Vmalnath, Name of a great Acharya. विमलनाथ भगवान के पूर्वभव का नाम, भगवान महावीर निर्वाण के पश्चात् हुए आचार्यो में एक आचार्य ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भववृक्ष – Bhavavrksa. The symbolic disposition of the mortal world in the form of a tree. संसार व्रक्ष; जहाँ प्राणी मधुविंदु के समान पञ्वेन्दिृय विषयों के क्षणिक सुख में डूबकर अनन्त संसार का बंध करता है ” ध्यानरूपी कुठार के द्वारा भाव श्रमक ही इस भव व्रक्ष का छेदन करते हैं “
उपालंभ Censure, Expression of disapproval . प्रतिषेध दुर्वचन उलाहना स्थगित करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मलेश्या : One of the six Leshyas; characteristics of virtuous persons. जो त्यागी हो, भद्र हो, उत्ततम काम करने वाला हो, बहुत भी अपराध होने पर क्षमा कर दे, साधुजनों के गुणों के पूजन में निरत हो, ये सब पदमलेश्या के लक्षण है।