इतरनिगोद!
इतरनिगोद A type of Nigod related to 4 Gatis. जो नित्य निगोद से निकलकर अन्य पर्याय या जन्म धारण कर फिर निगोद में जाते हैं इसे चतुर्गति निगोद भी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इतरनिगोद A type of Nigod related to 4 Gatis. जो नित्य निगोद से निकलकर अन्य पर्याय या जन्म धारण कर फिर निगोद में जाते हैं इसे चतुर्गति निगोद भी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्ममुख (हेत्वाभास) A fallacy in expressing self. स्ववचन बाधित। जैसे मेरी मां बाँझ है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रोपपाद An auspicious and sacred act (birth as an Indra by the effect of austerity). गर्भान्वयादि क्रियाओं में से एक-तप के प्रभाव से वैमानिक देवों में इन्द्र रूप से उत्पाद होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रिय विवेक Discrimination related to sensual aversion. इन्द्रिय विषयों से वैराग्यरूप प्रवृत्ति होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरताविरत – Viratavirata. Those who have abandoned five partiaular sains partially (pertaining to partially restrained Jaina followers). देशसंयत या संयतासंयत ” हिंसा आदि ५ पापों का स्थूल रूप से त्याग करने वाले पंचम गुनस्थानवर्ती अनुवर्ती श्रावक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव द्रव्य पर्याय – Vibhava Dravya Paryaya. Physical existence contrary to real nature. पर द्रव्य के निमित्त से जो प्रदेशत्व गुणों में विकार हो ” जैसे – जीव की नर – नारकादि पर्याय तथा स्कंध रूप पर्याय, पुद्ग्ल द्रव्य की विभाव द्रव्य पर्याय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य चिह्न – Bahya Cinha. External symbolic significances (reg. laugh,love , peace etc.). वस्तु की पहचान कराने वाले बाहरी चिन्ह जैसे – प्रसत्रचित रहना, धर्म से प्रेम करना, शुभ उपयोग रखना आदि धर्मध्यान के बाह्य चिह्न कहलाते है “