फालि!
फालि Accumulated matters in some particular time. एक समय में उठाये गये समस्त द्रव्य को एक फालि कहते हैं [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
फालि Accumulated matters in some particular time. एक समय में उठाये गये समस्त द्रव्य को एक फालि कहते हैं [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथानुपूर्व–Yathanupurv. A synonym word of Shrutgyan (scriptural knowledge). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राच्य- पूर्व दिषा। प्रत्येक षुभ कार्य में प्राची दिषा की प्रधानता होती है। Pracya- east direction (to have importance)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राध – परद्रव्य के परिहार से षुद्ध आत्मा की सिद्धि अथवा साधन राध कहलाता है।आराधना प्रसन्नता पूर्णता सिद्धि साधित आराधिन सेसिद्धि आदि राध के ही पर्यावाची नाम है। Radha-Pertaining to attainment of spiritual power
झारी A pitcher having a long neck & a spout, to be kept near the idol of Lord Jinendra. जिनेन्द्र देव की प्रतिमाओं के समीप वि?मान रहने वाले अष्ट मंगल द्रव्यों में से एक, इस झारी से भगवाना का अभिषेक भी किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिरंग शुद्धि- शरीर और वचनों से दोा मुक्त होना। Bahiranga suddhi- External purity (reg. body & speech)
दिग्पाल A type of guardian deities. दिक्कुमार जाति के देव लोकपाल इन्हीं देवों में से होते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आह्लाद Cheer, Joy, Exultation, Merriment.सुख, खुशी, हर्ष, प्रसन्नता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसागर (आचार्य) –Virasagara (Acarya) Name of the first disciple of CharitraChakravartiAcharyaShriShantisagarjiMaharaj in his Acharya tradition. चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर महाराज के प्रथम शिष्य एवं उनकी परम्परा में पटाटाघीश आचार्य ” जन्म – सन १८७६ में आषाढ शुक्ला १५ (गुरु पूर्णिमा ) एवं समाधि – संन १९५७ आश्विन कृ. अमावस ” सन…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालकन्या- मिथ्यादृष्टि आदि को अज्ञानी अथवा बाल कहते है। Balakanya- An innocent or immatured girl