सकलेन्द्रिय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलेन्द्रिय – Sakalendriya. All five sensed beings. पंचेन्द्रिय जीव सकलेन्द्रिय कहलाता है अर्थात् जिसके पांचो इन्द्रिय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलेन्द्रिय – Sakalendriya. All five sensed beings. पंचेन्द्रिय जीव सकलेन्द्रिय कहलाता है अर्थात् जिसके पांचो इन्द्रिय है “
दीर्घदर्शी One foresighted, discerning or learned. दूरदर्शी दूर तक की बात सोचने वाला।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरण – Sharana. Shelter, Refuge, Protection. सहारा, आश्रय, रक्षा ” शरण के दो भेद हैं-लौकिक अर्थात् राजा आदि की शरण एवं लोकोत्तर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसायिक – रस आसव आदि में उत्पन्न होने वाले जीव। Rasayika-Micro beings taking birth in impure liquids
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परवर्ती:Successive, Subsequent.क्रम, वंश अथवा शाखा में होने वाले आचार्य आदि ।
उदराग्नि Fire of hunger, an affiliction to be beared by Jaina saints. क्षुधा की बाधा क्रोध काम उदर इन तीन अग्नियों में तीसरी अग्नि इसमें मुनिजन अनशन की आहुति देकर आत्मयज्ञ करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लहू – रक्त, साधु के आहार सम्बन्धी 32 अंतराय में एक अंतराय अपने व दूसरे के लहू – रूधिर निकलता देखकर भोजन छोड देना। Lahu-Blood, an obstacle (bleeding) in the food taking of saints
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोद्रव्यवर्गणा – Manodravyavarganaa. A type of aggregate of Karmic molecules related to forming mental faculty. 23 वर्गणाओं में एक वर्गणा ;एक जाति के पुद्गल के सूक्षम स्कंध जिनसे द्रव्य मन बनता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य उपयोग – Saamaanya Upayoga.. General perception, Another name of Darshanopyog. दर्शनोपयोग जो सामान्य अथवा सत्ता स्वभाव का ग्रहण करता है।