लघुशंका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुशंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुशंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रइधू – पउम चरिउ, जसहर चरिउ, धण्णकुमार चरिउ, दष लक्षण धर्म, दस स्तुतियां आदि के रचियता एक अपभ्रंष कवि। समय – वि 1457 – 1536, दस लक्षण धर्म दस स्तुतियां। Raidhu-Name of an Apabhransh Jainapoet
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाडबांगड संघ – जैन मूल संध से निकले काठासंघ के चार भेदो में अन्तिम भेद, एक जैनाभासी संघ। Larabagara Samgha-One of the four former parts of Kashtha group of saints
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावगाढ सम्यक्तवार्य :See – Paramavagarha Darsandrya.देखें – परमावगाढ़ दर्शनार्थ ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधन साध्य भाव – Saadhana Saadhya Bhaava. Relations related to means and goal. साध्य साधक भाव । व्यवहार सम्यक्त्व साधन या साधक है एवं निष्चय सम्यत्तव साध्य है।
ऋषभ Bull – identifying symbol of the first Jaina-Lord Rishabhadev. बैल- तीर्थंकर ऋषभदेव का चिन्ह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रम्यक कूट – नील पर्वत का आठवा एवं रूक्मि पर्वत का तीसरा कूट। Ramyaka kuta-name of summits situated at Neel & Rukmi Mountains
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साता वेदनीय – Saata Vedaneeya. Pleasure giving karmas. वेदनीय कर्म के दो भेदो मे एक भेद। जिस कर्म के उदय से जीव को इन्द्रिय और मन सम्बन्धी सुख की प्राप्ति होती है।