पुराकल्प!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुराकल्प – Purakalpa. Old time pertaining to traditional theory. एतिह्या सहचरित विधि को पुराकल्प कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुराकल्प – Purakalpa. Old time pertaining to traditional theory. एतिह्या सहचरित विधि को पुराकल्प कहते है “
त्रैराशिक Rule related to three mathematical quantities. गणित संबंधी तीन राशियाँ- प्रमाण , फल व इच्छाराशि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रज्ञापरिषहजय – Pragyaaparishahajaya. Proudlessness of knowledge or intellect (sagacity with proudlessness). अनेक शास्त्रों में निपुण होते हुए भी जो साधू अपने ज्ञान का अभिमान नहीं करता, समता रखता है “
त्रिवेद The three Vedas, classification of three genders. स्त्री वेद, पुरूष वेद, नपुंसक वेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिक् Directions, A mountain situated in Lavan ocean. दिशाएँ, लवण समुद्र में स्थित एक पर्वत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगिनी – Bhujangini. One of the super power possessed by Ravan. रावण को प्राप्त अनेक विधाओं में एक विधा “
त्रिवर्ग महेन्द्र- मातलि जल्प A book written by Acharya Somdeva. आचार्य सोमदेव (ई.943-968) कृत एक न्याय ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जयश्री : == सव्वायरेण रक्खह तं पुरिसं जत्थ जयसिरी वसइ। अत्थमियम्मि मियंके तारेहिं न कीरए जोण्हा।। —गाहारयण कोष : ७८० जिस पुरुष में जयश्री निवास करती है, उसका सब प्रकार आदर के साथ रक्षण करो क्योंकि चन्द्र के अस्त होने पर तारों से प्रकाश नहीं होता। सुच्चिय सूरो…
देहप्रमाणत्व शक्ति Ultimate power of a body (reg. occupancy). अतीत अनन्तर (अन्तिम) शरीरानुसार अवगाह परिणामरूप देहप्रमाणपना होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदकल्पना – निरपेक्ष – शुद्ध – द्रव्यार्थिक नय –A viewpoint explaining the solitariness in properties (virtues) and its possessor (matter). नय; जिसकी अपेक्षा द्रव्य निज गुण पर्यायों के स्वभाव सेअभित्र है तथा एक स्वभावीहै “