धर्ममित्र!
धर्ममित्र A king who gave first food (reg. Parana) to Lord Kunthunath at Hastinapur. एक राजा ; कुंथुनाथ तीर्थंकर को हस्तिनापुर में प्रथम पारणा करने वाले। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्ममित्र A king who gave first food (reg. Parana) to Lord Kunthunath at Hastinapur. एक राजा ; कुंथुनाथ तीर्थंकर को हस्तिनापुर में प्रथम पारणा करने वाले। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर्याय – Svaparyaaya. The absolute pure form of soul.शुद्व पर्याय। केवलज्ञान के द्वारा निष्पन्न जो अनंत अन्तर्तेंज है वही निज पर्याय है और क्षयोपषम के द्वारा व ज्ञेयो के द्वारा चित्र-विचित्र परर्याय है।
धर्मदत्त चरित्र A book written by Acharya Dayasagar Suri. आचार्य दयासागर सूरि (ई.1429) कृत एक ग्रंथ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जयवती The mother’s name of first Baldev ‘Vijay’. प्रथा बलदेव विजय की माता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == तप : == जस्स अणेसणमप्पा तं पि तवो तप्पडिच्छगा समणा। अण्णं भिक्खमणेसणमध ते समणा अणाहारा।। —प्रवचनसार : ३-२७ परवस्तु की आसक्ति से रहित होना ही, आत्मा का निराहाररूप वास्तविक तप है। अस्तु, जो श्रमण भिक्षा में दोषरहित शुद्ध आहार ग्रहण करता है, वह निश्चय दृष्टि से अनाहार (तपस्वी)…
धरसेन The spiritual teacher or preceptor of Acharya Pushpadant and Bhootbali. एक आचार्य, जिन्होंने पुष्पदंत- भूतबली को जैन सिद्धांत पढ़ाया और इन दोनों आचार्यों ने धवलादि मूल ग्रंथों की रचना की।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] ==आचार्य श्री धरसेन स्वामी का विशेष परिचय == भगवान महावीर स्वामी ने भावश्रुत का उपदेश दिया अत: वे अर्थकर्ता हैं। उसी काल…
जयरामा The mother’s name of Jain Lord Suvidhinath (Pushpad antnath). सुविधिनाथ (पुष्पदन्तनाथ) भगवान की माता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वक्षेत्र – Svaksetra. Occupied space of matters.एक द्रव्य जितने क्षेत्र को रोक करके रहता है वह उस द्रव्य का स्वक्षेत्र है और अन्य क्षेत्र उसका पर क्षेत्र है।
जय जिनेन्द्र A greeting word pronounced in Jaina community. जैनों में परस्पर विनय और प्रेमभाव प्रकट कर ने के लिए जयजिनेन्द्र शब्द बोला जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]