तत्वज्ञानतरंगिनी!
तत्वज्ञानतरंगिनी Name of a book written by Acharya Gyanbhushsan. आचासर्य ज्ञानभूषण (ई.1447-1495) द्वारा रचित शुद्ध चैतन्य प्रतिपादक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वज्ञानतरंगिनी Name of a book written by Acharya Gyanbhushsan. आचासर्य ज्ञानभूषण (ई.1447-1495) द्वारा रचित शुद्ध चैतन्य प्रतिपादक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपवन भूमि The 4th land of Samavasharana (garden like) . समवशरण की चैाथी भूमि जहाँ चारों दिशाओं में अशोक सप्तच्छद चंपक और आम्र के वृक्षों के वन होते हैं जिनमें से प्रत्येक के मध्य में चैत्य वृक्ष पर भगवान की प्रतिमा विराजमान रहती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ज The eighth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का आठवाँ व्यंजन , इसका उच्चारण स्थान तालु है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वनिर्णय A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई.-1556) द्वारा रचित एक याय विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपबृंहक See – Upagýhana . आत्मगुणों को बढ़ाने वाला देखें-उपगूहन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूशंकपुर A city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तंत्ररत्न Name of a book written by Parthsarthi Mishra. पार्थसारथिमिश्र द्वारा रचित एक साहित्य ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपलब्धि Perception, Acquision, Achievement . वस्तु तŸव का उपलठध किया जाना या ग्रहण किया जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छन्ना Filter cloth (a piece of cloth used for filtering the water). जल गालन अर्थात् पानी को छानने का कपड़ा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वात्मभूत – Sarvaatmabhoota. Name of the 5th predestined Jaina-Lord (another name of Sarvayudh) भाविकालीन 5 वें तीर्थकर, अपरनाम सर्वायुध ।