निश्चय मोक्षमार्ग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय मोक्षमार्ग – Nishchaya Mokshamaarga. Absolute path of salvation . मुनियों में होने वाली निश्चय सम्यग्दर्शन, ज्ञान एवं चरित्ररूपी त्रिरत्न की एकता अर्थात शुक्लध्यान की अवस्था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय मोक्षमार्ग – Nishchaya Mokshamaarga. Absolute path of salvation . मुनियों में होने वाली निश्चय सम्यग्दर्शन, ज्ञान एवं चरित्ररूपी त्रिरत्न की एकता अर्थात शुक्लध्यान की अवस्था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांर्ग – Shaanrga. Name of a bow of Lakshman (a Narayan), it is one of his 7 jewels. नारायण लक्ष्मण के धनुष का नाम, जो 7 रत्नों में एक रत्न था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयचारित्र – Nishchayachaaritra. Absolute right conduct, absolute meditation. साधू जीवन में व्यवहार चारित्रके बल से अंतरंग-बहिरंग विकल्पों का त्याग कर आत्म स्वरूप में तन्मय होना “
इच्छानुलोमनी Desirous, To be like others. अनुभय वचन का एक भेद जैसे-जैसा यह है वैसा मुझको होना चाहिये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उभयासंख्यात Doubtful absense of both complementary causes (not reaching) . लोकाकाश की दो दिशाओं में स्थित प्रदेश पंक्ति उभयासंख्यात है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपबृंहण Strengthening faith, Development of one’s spiritual qualities. उत्तमक्षमादि भावनाओं के द्वारा आत्मगुणों की वृद्धि करना। अपरनाम उपगूहन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकातिक देव –Laukantika Deva.: A spacial type of heavenly deities who are supposed to get salvation definitely after crossing one birth or Bhav. पांचवे ब्रह्म स्वर्ग के अंत में रहने वाले लौकंतिक देव ;जिनके संसार या लोक का अंत निकट है वे लौकंतिक हैं ” ये देव दीक्षा कल्याणक के समय तीर्थंकर भगवान की…
उपयोग (शुभ) Gracious attention. दया दान पूजा व्रत शील आदि रुप रागरुप परिणाम होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय कर्ताकर्म – Nishchaya kartaakarma. A viewpoint of talking self as the doer of own pure volitions. आत्मा वास्तव में अपने शुद्ध भावों का कर्ता है एवं पुद्-गलद्रव्यके निमित्त से होने वाले भावों का कर्ता नहीं है “