शीतोष्ण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीतोष्ण – Sheetoshna. A kind of female genital organ (having to do with cold and hot). योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि शीत एवं उष्ण दोनों स्पर्श रूप होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीतोष्ण – Sheetoshna. A kind of female genital organ (having to do with cold and hot). योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि शीत एवं उष्ण दोनों स्पर्श रूप होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नृत्यमाल – Nrtymaala. Ruling deity of Khandprapata, the summit of vijayardh mountain. विजयार्थ पर्वत के खण्डप्रपात कूट का स्वामी देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीलक –Neelaka. Name of a deity resident of a summit ‘Shrivraksha’ situated in the west of Ruchakgiri (mountain). रुचकगिरी की पश्चिम दिशा में श्रीवृक्षकूट का निवासी देव “
त्रसलोक Name of a particular universe (middle universe). सुमेरू पर्वत के मूल से एक राजू लम्बे चैडे क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है, इसे मध्यलोक भी कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवसागर – Shivasaagara. Name of the 2nd pattacharya in the tradition of great Acharya Charitra Chakravarti Shri Shantisagarji, who was the disciple of Acharya Virsagar. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी की परम्परा के द्वितीय पट्टाचार्य एवं प्रथम पट्टाचार्य श्री वीरसागर जी महाराज के प्रमुख शिष्य ” सन 1957 में ये आचार्यपट्ट पर आसीन हुए…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचगोत्र – Neechagotra. Group of low-caste persons. नीच कुल ” पर की निंदा करने से नीच गोत्र में जन्म होता है “
देशप्रत्यासत्ति A cause of bonding or co-relation of two matters or elements. संयोग का एक भेद ; दो द्रव्यों के अवयवों का सम्बद्ध रहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरलन देय प्रक्रिया – Viralana Deya Prakriya. Spreading numbers (in the from of 1) and then distributing desired numbers at the place of 1. फैलाना और देना ” किसी संख्या के विरलन का अर्थ फैलाना अर्थात् उस संख्या को एक-एक में अलग-अलग करना ” देय का अर्थ है फैलाये गये अंकों में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरंभ-प्रमादी जीवों का प्राणों की हिंसा आदि कार्य में प्रयत्नशील होना समरंभ है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्पन्न योगी – Nishpanna Yogi. Absolute meditator, One who is completely engrossed in meditation. पूर्णयोगी पुरुष निर्विकल्प शुद्धात्मा अवस्था में निष्पन्न योगी कहे जाते हैं “