त्रसलोक!
त्रसलोक Name of a particular universe (middle universe). सुमेरू पर्वत के मूल से एक राजू लम्बे चैडे क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है, इसे मध्यलोक भी कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रसलोक Name of a particular universe (middle universe). सुमेरू पर्वत के मूल से एक राजू लम्बे चैडे क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है, इसे मध्यलोक भी कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघातिम – Sanghaatima. Artificial structures constructed with mixed materials. काष्ठ, ईंट और पत्थर आदि की संघातन क्रिया से सिद्ध हुए कृत्रिम जिनभवन, ग्रह, प्राकार और स्तूप आदि द्रव्य संघातिम कहलाते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंडप: The last (8th) land of Samavasharan having 12 division for the sitting of different types of listeners. Generic term for hall in Lord’s assembly which may be open or closed. समवशरण की अंतिम आठवीं श्रीमंडप भूमि जिसमे 16 दीवारें व उनके बीच 12 कोठे हैं ” पूर्व दिशा को आदि कर के…
देशप्रत्यासत्ति A cause of bonding or co-relation of two matters or elements. संयोग का एक भेद ; दो द्रव्यों के अवयवों का सम्बद्ध रहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्म द्रव्य – Shuddhaatma Dravya. The supreme element, A synonym word for Mokshmarg (path of salvation). निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगलगोचर: An auspicious observance of taking food by a Jaina saint at the previous day of the beginning & the end day of Chaturmas. जैन साधुओं द्वारा वर्षायोग स्थापना एवं समापन से पूर्व आषढ शुत्रयोदशी व कार्तिक कृ त्रयोदशी के दिन एक वंदना क्रिया (सिद्ध भक्ति चैत्य भक्ति , पंचगुरु भक्ति , शांति…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरंभ-प्रमादी जीवों का प्राणों की हिंसा आदि कार्य में प्रयत्नशील होना समरंभ है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विचय – Vichaya.: Thinking, Exploration, Investigation. मीमांसा, विचार, विवेक, विचारणा, विचय ये एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकृति – Vikrti.: Agitation of mind, Distoration, Change. उत्तेजना ,उद्वेग,अस्वाभिक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकथा – Vikathaa.: Non-religious tales(esp.related to woman, food, state & theft). धर्मकथा से रहित अर्थ और काम सम्बन्धी कथाएं “स्त्री, भोजन ,राष्ट्र ,चोर ये 4 कथा जो धर्म विरोधी एवं पाप आस्रव का कारण हैं “