तिर्यक् आयत चतुरस्र!
तिर्यक् आयत चतुरस्र Tiryak Åyåta Caturasra. Cuboid. धन । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिर्यक् आयत चतुरस्र Tiryak Åyåta Caturasra. Cuboid. धन । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एक – अंगधर Acharyas possessing knowledge of one Anga (scriptural knowledge). जिन आचार्यों को द्वादशांग के एक अंग का ज्ञान था, विनयदत्तादि 4 आचार्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिजारा (तीर्थ) Name of a Digambar Jain Atishay Kshetra (a place of pilgrimage) of Lord Chandraprabh in Alvar dist. Rajsthan. राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक सुन्दर नगर जहाँ चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अवस्थित है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोह विवेक युद्ध–Moha Vivek Yuddh. Name of a book. एक ग्रंथ का नाम”
तर्क संग्रह A book written by Shivaditya. वैषेषिक साहित्य प्रवर्तक शिवदित्य का एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तरेप्पन क्रिया वृत Union or association with youngs (which is prohibited in relation to observing celibacy). श्रावक की 53 क्रियाओं के वृत – अष्टमूलगुण , बारह व्रत, बारहि तप, समता भाव, ग्यारह प्रतिमाएं, चार दान, पानी छानकर पीना, रात्रि भोजन त्याग, सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान आसैर सम्यग्चारित्र के वृत । इनकी विधिस ग्रंथों में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासनाकाल – Vaasanaakaala.: Period of passionful thoughts. किसी विशेष कषाय भाव का संस्कार बना रहना “जैसे अनंतानुबंधी कषाय का वासनाकाल 6 महीने के ऊपर अनंत भवों तक भी रह सकता है एवं संज्वलन कषाय अंतर्मुहूर्त में ही समाप्त हो जाती है “
तर्क Argument, Inductive reasoning, Logic. उपलब्धि और अनुपलब्धि की सहायता से होने वाला व्याप्तिज्ञान जैसे – धुएँ को देखकर अग्नि का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तार दर्शनार्य –VistaraDarsanarya. A type of noble persons. दर्शनार्य १० प्रकार के होते हैं उनमें से विस्ताररूचि वाले सम्यग्द्रष्टि को विस्तार दर्शनार्य कहते हैं “