संवित्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवित्ति – Sanvitti. Consciousness, Intuition. ज्ञान, चेतना, अनुभव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवित्ति – Sanvitti. Consciousness, Intuition. ज्ञान, चेतना, अनुभव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण (अनुयोग)- अग्रायणी पूर्व के 5 भेदों में एक भेद। Pramana (Anuyoga)- A part of scriptural knowledge (Purva)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लय – लीनता, तन्यमयता जो मुनि कल्पना के जाल को दूर करने अपने चैतन्य आनंन्दमय स्वरूप में लय को प्राप्त होता है वही निष्चयरत्नत्रय का स्थान होता है। Laya-Absolute engrossment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याहार- मन की प्रवृति का संकोच कर लेने पर मानसिक सन्तोश होता है उसे प्रत्याहार कहते है। pratyahara – mental satisfaction
उद्दिष्ट Intended, Purposeful, With motive. जिसका विचार किया हो उद्देश्य बंधा हो नियत की हुई हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रपर्वा – Sahasraparvaa. Name of a superpower possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र द्वारा नमि व विनमि विद्याधरो को प्राप्त विद्या ।
आलुंच्छन A form of self criticism. आलोचना के 4 स्वरूपों में एक भेद- कर्मरूपी वृक्ष का मूल छेदने में समर्थ ऐसा समभावरूप स्वाधीन निज परिणाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहवा (कवि) – Sahavaa (Kavi). Name of a Marathi poet, the writer of Neminath Puran. नेमीनाथ पुराण के रचयिता (ई0 1717) एक मराठी कवि ।
देव भवन Abode of deities. चारों निकायों के देवों के भवन (प्रत्येक भवनों में जिनमंदिर होते हैं)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राधान्य पद- उपक्रम का एक भेद; बहुत से पदार्थो के होने पर भी किसी एक पदार्थ की बहुलता आदि द्वारा प्राप्त हुई प्रधानता से बोले जाने वाला नाम। जैसे- आग्रवन, निम्नवन इत्यदि। Pradhanyapada-A type of Upakrama( a type of persuasion) dominant name or thing