आपृच्छा!
आपृच्छा See – Åpro cchanå. देखें – आपृच्छना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तदुभय प्रत्ययिक जीव बंध Sentiments devolped through the fruition & prematured fruition of karmas. जीव भाव बंध का एक भेद कर्मां के उदय और उदीरणा से तथा उनके उपशम से जो भाव उत्पन्न होते हैं (अर्थात् जीव के क्षयोपशमिक भाव)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एषणासमिति Carefulness in alms, food accepting for saints. 5 समिति में एक समिति-मुनि का 46 दोषों से रहित आहार ग्रहण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्धभाषण True speech. सत्यव्रत की 5 भावनाओं में एक भावना-आगमानुकूल वचन बोलना, इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रियज सुख Sensual pleasure. इन्द्रियों के द्वारा उनके विषय भोगने को इन्द्रियज सुख कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमोपकरण – Sanyamopakarana. Restraint indicating article (Pichchhi) possessed by Digambar jaina saint. It is made by peacock- feathers which are turned down naturally while dancing of peacock. जैन साधु के योग्य संयम का पालन करने में सहायक पिच्छिका को संयमोपकरण कहते हैं ” यह प्राकर्तिक रूप से गिरे हुए मोर के पंखों से बनायी…
तत्वार्थ श्रद्धान Faith on all real matters. तत्व रूप पदार्थ की प्रतीति या श्रद्धा करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तट The bank of a river, A king of Rakshas dynasty, Name of a city of Vijayardh mountain region. नदी का किनारा , राक्षस वंश का एक राजा, विजयार्ध पर्वत का एक नगर । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्रेश्र्वरी Ruling female deity of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव की शासन देवी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रक Middle aboding places (Viman) of heaven & middle dwelling places (Bill) of hell. पटल इंद्रक का अर्थ अन्तर्भूमि है स्वर्गो में मध्य के विमान एंव नरकों के बिल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]