स्वसहाय!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोहितास्या नदी – 14 महानदियों में चैथी नदी,, ये हिमवान पर्वत के सरोवर से निकलकर हैमवत क्षेत्र में बहकर पष्चिम समुद्र में गयी है। Rohitasya nadi-Name of the fourth great river among 14
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव लोकोत्तर मान – Bhava Lokottara Mana. Extent of knowledge (Nigod to Supreme state). जघन्य से उत्क्रष्ट अवस्था तक का ज्ञान जिससे मापा जाय अर्थात् लब्ध्य-पर्याप्तक सूक्ष्म निगोदिया जीव के जघन्य पर्याय श्रुतज्ञान से लेकर अर्हतों के उत्क्रष्ट केवलज्ञान तक का प्रमाण “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णमध्य – Svarnamadhya. Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कराभ – Bhaskarabha. Name of a king of Rakshas dynasty. राक्षस वंश का एक राजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्यास मरण – Sanyaasa Marana. The holy death of an ascetic. मुनि व्रत धारण कर पंडित मरण करना
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप विपर्यास – Svaruupa Viparyaasa. A contary viewpoint regarding the form of a matter. मिथ्यात्व। जिस पदार्थ का जो लक्षण है उससे विपरीत उसका स्वरुप समझना।
द्रोणगिरि (तीर्थ) Name of a place of pilgrimage situated in Bundelkhand (M.P.), it is salvation land of many Munis (saints) including Gurudatta. बुंदेलखंड (म.प्र.) में स्थित एक रमणीय सिद्धक्षेत्र । यह गुरूदत्त आदि अनेक मुनिवरों की निर्वाणस्थली है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतोष भावना – Santosha Bhaavanaa. Attitude of equanimity or satisfaction. मान अपमान में समता रखना, अशन पान आदि के यथायोग्य लाभ में समता रखना संतोष भावना है “
द्रव्य स्वभाव Nature of matters. द्रव्य का स्वतत्व अर्थात् स्वस्वभाव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]