चित्तेंद्रिय निरोध!
चित्तेंद्रिय निरोध A basic restraint of saints (controlling of senses). ,उमियों का एक मूलगुण : ५ इन्द्रियों तथा मन को वश में रखना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्तेंद्रिय निरोध A basic restraint of saints (controlling of senses). ,उमियों का एक मूलगुण : ५ इन्द्रियों तथा मन को वश में रखना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारित्रमोह क्षपक The destroyer of conduct deluding Karmas. चारित्र की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पष्ट – Spasta. Clear, unambiguous, Obviousness.जिसके समझने या देखने मे कोई कठिनता न हो, व्यक्त।
छात्रचूड़ामणि A story on Jeevandhar Swami written by Vadibh-singh Odayadev. वादीभसिंह ओडयदेव (ई. ७७०-८९०) कृत जीवन्धर स्वामी का चरित्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षन इन्द्रिय – Sparssana Indriya. The sense organ of touch.जिसके द्वारा स्पर्श किया जाता है उसे स्पर्शन इन्द्रिय कहते है।
दंड – दंडी संबध Relation of infliction & inflicting one. जो वस्तु के स्वरूप में मिला न हो । दंड के सम्बन्ध से पुरूष को दंडी कहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रानुभाव–Mishraanubhav. A type of mixed dispositions (virtuous & vicious). शुद्धोप्योग एवं शुभोपयोग मिश्रित या शुभ–अशुभोपयोग रूप मिश्रित संवेदन”