इत्वरिका परिगृहीतागमन!
इत्वरिका परिगृहीतागमन Enjoying married woman. ब्रह्मचर्य अणुव्रत का एक अतिचार विवाहित व्यभिचारिणी स्त्री से हास्यादि संबंध रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इत्वरिका परिगृहीतागमन Enjoying married woman. ब्रह्मचर्य अणुव्रत का एक अतिचार विवाहित व्यभिचारिणी स्त्री से हास्यादि संबंध रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मलीनता Self absorbedness (engrossed in meditation). आत्म स्वरूप में लीन होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपाश्र्वसभा Subplace (a hall) in the residence of peripatetic deities . व्यंतर देवों के भवनों में पश्चिम उत्तर दिशा में स्थित एक ग्रह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपाद Instantaneous birth of infernal beings, celestial deities etc. उत्पत्ति जन्म देव और नारकियों का जन्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिगम्बर मुनि (साधु) Digambar saints, free from all worldly attachments. नग्न वसत्र आभूषण आदि समस्त परिग्रह रहित साधु जो इन्द्रिय विजयी 28 मूल गुणधारी होते हैं एवं जीवदया पालन हेतु मोर पंख की पिच्छी व शरीर शुद्धि हेतु जल के लिए काष्ठ का कमंडलु रखते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपगूहन Protection, An act of safeguarding of other’s faults and increasing self virtues. सम्यग्दर्शन के 8 अंगों में 5 वाँ अंग अपनी आत्मा के गुणों को बढ़ाना व दूसरों के दोषों को ढ़कना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आमर्षोषध A supernatural power of medication. जिन ऋद्धि के प्रभाव से साधु के स्पर्श मात्र से जीव निरोगी हो जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तृष्णा – वशीकरण Overpowering on all hopes and desires. स्वयं आशाओं का दास न बनते हुए आशाओं को अपना दासी बना लेना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तूष्णीक Devil; a type of peripatetic deities. पिशाच जातीय व्यंतर देवों का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदन – Shreenandana. The father of Saptrishi (particularly 7 saints). श्रीमन्यु आदि सप्तऋषियों के पिता ” प्रीतिंकर मुनि के केवलज्ञान के समय एक मास के पौत्र को राज्य देकर सातों पुत्रों सहित दीक्षा ग्रहण की, अंत में मुक्ति प्राप्त की “