आनन्दसागर(आचार्य)!
आनन्दसागर(आचार्य) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Munisuvratsagar Maharaj. आचार्य श्री मुनिसुव्रतसागर महाराज के शिष्य (ई.श.20-21)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनन्दसागर(आचार्य) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Munisuvratsagar Maharaj. आचार्य श्री मुनिसुव्रतसागर महाराज के शिष्य (ई.श.20-21)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिरूतक्कतेश्वर Name of the writer of ‘Jivan Chintamani’. जीवन चिन्तामणी कृति के रचयिता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संभावना सत्य – Sanbhaavanaa Satya. Truth pertaining to probability or possibility. वस्तु के स्वभाव को कहने वाला वचन या जैसी इच्छा रखे वैसा कर सके यह संभावना सत्य है ” जैसे- इच्छा करे तो इन्द्र जम्बूद्वीप को पलट सकता है “
तितिक्षा Forbearance, Endurance. सहनशक्ति , सहिष्णुता, त्याग, क्षमा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेत – Shveta. The initiation & omniscience forest of Lord Mallinath. तीर्थंकर मल्लिनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध उत्सरण -बंध का उत्कर्षण (बढ़ना) होना । BandhaUtsarana- Bond progression.
तारंगा (तीर्थ) Name of a Digambar Jaina mountaineous place of pilgrimage in Mahasana dist. of Gujarat, from where three and a half crores of Munis (saints) got salvation. गुजरात के महसाणा जिले में अरावचली पर्वतमालाओं की एक मनोरम टेकरी पर अवस्थित एक सिद्धक्षेत्र । यहाँ के पर्वत से साढे तीन करोड़ मुनियों ने मोक्ष प्राप्त…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणीचारण ऋद्धि – Shreneechaarana Riddhi. A type of super natural power related to the careful walking over smoke, fire etc. एक चारण ऋद्धि जिसके प्रभाव से धूम, अग्नि पर्वत और वृक्ष के तन्तु समूह पर से ऊपर चढ़ने की शक्ति प्राप्त होती है “
तमः प्रभा A Vibhaga river of the east Videh Kshetra (region). नरक की छठी पृथ्वी, जिसकी प्रभा अंधकार के समान है वह तमःर्पभा भूमि है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतपंचमी क्रिया – Shrutapanchmee Kriyaa. A religious devotional procedure of eulogy. ज्येष्ठ शु. 5 को श्रुतपंचमी कहते हैं ” इस दिन सभी साधु बृहत् सिद्ध भक्ति और बृहत् श्रुत भक्ति पढ़कर श्रुतस्कंध की स्थापना करके श्री इंद्रनंदि आचार्य विरचित श्रुतावतार का उपदेश देने के अनन्तर बृहत् श्रुत भक्ति व बृहत् आचार्य भक्ति पढ़कर स्वाध्याय…