वेदनीय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदनीय –Vedaniya. Karmas causing the experience of pain & pleasure. ८ कर्मो में एक कर्म, जिसके उदय से जीव सुख व दुख का वेदन अथार्त अनुभव करता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदनीय –Vedaniya. Karmas causing the experience of pain & pleasure. ८ कर्मो में एक कर्म, जिसके उदय से जीव सुख व दुख का वेदन अथार्त अनुभव करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर – Sthira. Stable, constant, name of a governing deity of Anka summit situated at kundal mountain.अविचल, कुण्डल पर्वतस्थ अंक कूट का स्वामी देव।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्य महाव्रत – Satya Mahaavrata. Great vow of true speech (right speaking according to text). राग द्वेष या मोह से प्रेरित जैन साधुओं द्वारा सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग करना और आगम के अनुरूप बोलना सत्य महाव्रत है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य लब्धि – ViryaLabdhi A type of attainment pertaining to the vitality of beings. ५ लाब्धियों में एक लब्धि ” शक्ति की प्राप्ति जो वीर्यन्तराय कर्म के क्षयॉपशन से होती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थितिकरण – Sthitikarana. Re-steadiness of one in religion (a part of right perception).सम्यग्दर्षन के 8 अंगो मे एक अंग। धर्म से विचलित होते हुए जीवो को या स्वंय को धर्म मे पुनः दृढ़ करना स्थितिकरण अंग है।
चक्रवाल व्रत Name of a vow to be observed with particular procedure at different Nakshatra days related to their respective lunar months. For eg. observing vow at the day of Chitra Nakshatra in the month of Chaitra. प्रत्येक मास से सम्बंधित नक्षत्र में अयह व्रत ३ वर्ष ३ माह तक किया जाता है जैसे -चैत्रमास…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग –Vitaraga. One free from all passions and attachments, or passionless one. जहां मोह का उदय न राह हो ” आत्म साधन के द्वारा जिन्होंने राग-द्वेष को नष्ट कर दिया है उन्हें वीतराग कहते हैं ” अरिहंत भगवान पूर्ण वितारागी होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थविर मुनि – Sthavira Muni. Senior saint guiding own saint-tradition.चतुर्विध संध के पाॅच आधारो आचार्य, उपाध्याय, गणधर, प्रवर्तक और स्थविर मे एक, जो मुनि संध मे संध की रीति व प्राचीन परम्परा बताये वह स्थविर मुनि होते है।
चतुर्मुखमह A type of worship (performed by kings). सर्वतोभद्र पूजा ; पूजा का एक भेद जो मुकुटबद्ध राजाओं के द्वारा की जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव क्रिया – Samyaktva Kriyaa. Worshipping the Jaina Lord, scriptures & saints. साम्परायिक आस्त्रव की 25 क्रियाओ मे पहली क्रिया। सच्चे देव शास्त्र गुरु की पूजा-भक्ति आदि करना। इससे सम्यक्तव की प्राप्ति और पुण्यबंध होता है।