श्रुतधर आम्नाय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योनिभूत बीज – जिस बीज में जलादि का निमित्त पाकर जीव आकार पैदा हो सके। अथवा जिस जीव में उगने की षक्ति अर्थात सहित होने की षक्ति हो। Yonibhuta Bija-Seed germination
आभिनिवेशक मिथ्यादर्शन Intuitional perversity (wrong faith). अगृहीत मिथ्यात्व परोपदेश बिना शुद्ध जीवादि पदार्थों के विषय में विपरीत श्रद्धान होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मीकूट – षिखरी कुलाचल का छठा कूट। Laksmikuta-The 6th summit of Shikhari Kulachal (mountain)
गंडविमुक्त देवी The disciple of maghnandi muni kollapuriya. माघनंदि मुनि कोल्लापूरे के शिष्य तथा भानुकीर्ति व देवकीर्ति के गुरु थे. समय ई. ११३३-११६३। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौर्य–मौण्डेय–Maurye–Maundey. The 5th& 6th chief disciples of Lord Mahavira. तीर्थंकर महावीर के 5वे एवं छठे गणधर का नाम”
इतरेतराभाव Mutual/reciprocal state of non-existence, Respective absence. अन्योन्याभाव-पुद्गल द्रव्य की एक वर्तमान पर्याय में दूसरे पुद्गल की वर्तमान पर्याय का अभाव होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मभूत Integral virtue, self natured, indigenous quality. लक्षण- जो लक्षण वस्तु के स्वरूप में मिला हो उससे मित्र न हो सके, जैसे जीव का लक्षण चेतना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिप्राप्त – विषेश तप आदि करने पर प्राप्त वैक्रियिक षरीर। Labdhiprapta-A type of super body obtained through high austerity
उत्थितनिविष्ट A type of meditative relaxation (with wrong conceptions). कायोत्सर्ग का एक भेद ध्यान में खड़े हुए भी आत्र्त-रौद्र (खोटे) विचारों का चिंतवन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]