उद्भ्रान्त!
उद्भ्रान्त Astray, Erring, Confused,Name of the fifth Patal (layer) of the first hell. भ्रमित होना प्रथम नरक का पाँचवा पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्भ्रान्त Astray, Erring, Confused,Name of the fifth Patal (layer) of the first hell. भ्रमित होना प्रथम नरक का पाँचवा पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शांत आत्मा : == सव्वत्थ वि पियवयणं, दुव्वयणे दुज्जणे वि खमकरणं। सव्वेिंस गुणगहणं, मंदकसायाण दिट्ठंता।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ९१ — सब जगह प्रिय वचन बोलना, दुर्जन के दुर्वचन बोलने पर भी उसे क्षमा करना, और सबके गुण ग्रहण करते रहना—यह मंदकषायी (शांत स्वभावी) आत्मा के लक्षण हैं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति बंध – Sthiti Bamdha. Binding period of karmas with soul.कर्मबंध के 4 भेदो मे एक भेद। कर्मों मे कषायो के अनुसार मर्यादा का पड़ना। अर्थात् अपने स्वभाव को नही छोड़ते हुए जितने काल तक कर्म आत्मा के साथ बंधे रहते है उसे स्थितिबंध कहते है।
गंभीरावर्त Name of a dominion ‘conch’ of Chakravarti (emperor). चक्रवर्ती की विभूति ‘शंख’का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थापना मंगल – Sthaapanaa Mamgala. Idols of lord arihant (artifical & natural form)जिन भगवान के जो अकृत्रिम और कृत्रिम प्रतिबिम्ब है, वे सब स्थापना मंगल हे।
चल्लितापि A river of Bharat Kshetra in Arya Khand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तवाराधना – Samyaktvaaraadhanaa. Enlightenment of right faith. आराधना के दो भेद (सम्यक्तवाराधना और चारित्राराधना) मे प्रथम भेद, सम्यग्दर्षन का यथायोग्य रीति से उद्योतन करना।
एकैक उत्तरप्रकृति बन्ध One one secondary configuration bond (reg. Karmas). अप्रमुख कर्म प्रकृतियों का बन्ध होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]