सम्यग्मिथ्यात्व प्रकृति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्यात्व प्रकृति – Samyagmithyaatva Prakriti. Right-cum-wrong Karmic nature related to faith. दर्शन मोह की दूसरी प्रकृति जिसके उदय से यथार्थ व मिथ्या दोनो प्रकार का मिश्रित श्रद्वान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्यात्व प्रकृति – Samyagmithyaatva Prakriti. Right-cum-wrong Karmic nature related to faith. दर्शन मोह की दूसरी प्रकृति जिसके उदय से यथार्थ व मिथ्या दोनो प्रकार का मिश्रित श्रद्वान है।
चातुर्मासिक प्रतिक्रमण See – Caturmåsika Pratikrama¿a. देखें-चतुर्मासिक प्रतिक्रमण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष भाव विधान – Sparssana Bhaava Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेद – Veda Gender. लिंग ” स्त्री लिंग , पुरुष लिंग, नपुंसक लिंग”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष गति विधान – Sparssa Gati Vidhaana. type of anyyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्श अंतर विधान।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषभ – Vrsabha. Another name of Lord Rishabhdev. A bull: a significant mark of Lord Rishabhadev भगवन ॠषभदेव का एक नाम , बैल , जो भगवन ॠषभदेव का चिन्ह हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मुक्ति : == जह पंकलेवरहिओ जलोविंर ठाइ लाउसो सहसा। तह सयलकम्ममुक्को लोगग्गे ठाइ जीवो वि।। —कुवलयमाला : १७९ जैसे कीचड़ के लेप से रहित होते ही तूंबा जल पर सहसा तैरने लग जाता है, वैसे ही जीव कर्ममल से मुक्त होकर लोकाग्र पर स्थित हो जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर चित्त – Sthira Citta. Concentration of mind.चित्त की एकाग्रता, इसी का नाम ध्यान है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौक्तिकहारावली– Mauktikharavali. Wreath of pearls. गोल और आकर में बड़े मोतियों से गुथा गया एक लड़ी का हार”