दर्शनमोहनीय कर्म!
दर्शनमोहनीय कर्म Right faith deluding Karmas. जिस कर्म के उदय से देवशास्त्र गुरू एवं तत्वों के प्रति अश्रद्धान का भाव होता हो , यह सम्यग्दर्शन का घात करती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनमोहनीय कर्म Right faith deluding Karmas. जिस कर्म के उदय से देवशास्त्र गुरू एवं तत्वों के प्रति अश्रद्धान का भाव होता हो , यह सम्यग्दर्शन का घात करती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उर्वक Infinite time increase . अनंत भाग वृद्धि की उर्वक अर्थात् उ संज्ञा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुपूज्य – Vasupoojya. Father’s name of Lord Vasupujya. तीर्थंकर वासुपूज्य के पिता “चम्पानागरी के राजा ,जयावती इनकी रानी थी “
उभयमोहिनी Bilateral delusive passion . अनंतानुबंधी कषाय जो दर्शन और चारित्र दोनों में मोह उत्पन्न करने वाली होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रस चतुष्क A quartet (related to mobile beings-Trasa) of some Karmic nature. त्रस, बादर, प्रत्येक, पर्याप्त। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वशीकरण – Vashikaran.: Empowerment, Enchantment,A mystical power. एक मंत्र , एक विद्या “
त्यक्त शरीर Leaving the body voluntarily (auspicious death). जो शरीर स्वयं शांतिपूर्वक समाधिमरण द्वारा त्यागा गया हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्ष दशक – Varsh dashak .: A time period of 10 years. काल का एक प्रमाण विशेष ” दस वर्ष का समय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचधारणा – Panchadhaarana. Five kinds of conceptional theories. पिण्डस्थ ध्यान की पांच धारणाएँ – पार्थिवी, आग्नेयी, श्वसना, वारुणी और तत्त्वरूपवती धारणा “