शरीर निर्मलता!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर निर्मलता – Shareera Nirmalataa. An excellence of the birth of Jaina-Lord (purity of the body). जिनेन्द्रभगवान के शरीर की अतिशयी निर्मलता-भगवान अरहंत के जन्म के 10 अतिशयों में एक अतिशय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर निर्मलता – Shareera Nirmalataa. An excellence of the birth of Jaina-Lord (purity of the body). जिनेन्द्रभगवान के शरीर की अतिशयी निर्मलता-भगवान अरहंत के जन्म के 10 अतिशयों में एक अतिशय “
आनंदा Name of a female divinity of Anjan Summit of Ruchakvar mountain, A Vapi (like large lake) of Samavsharan. रूचकवर पर्वत के अंजन कूट की देवी का नाम, समवशरण के अशोक वन में स्थित छः वापियों में एक वापी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंद्रिका–Yashastilakchandrika. Name of a commentary book. सोमदेवकृत यशस्तिलक चम्पू की श्रुतसागर (ई. 1480–1499) कृत एक संस्कृत टीका”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परमोपेक्षा संयम:Absolute right conduct related to perfect restraint.निश्चय चारित्र या शुद्वोपयोग।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग स्तोत्र –VitaragaStotra. Name of a Sanskrit spiritual hymn. एक आध्यात्मिक संस्क्रत स्तोत्र ” शिवं शुध्द बुध्दं …………. चिदानंद रूपं णमो वितरागं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतरदेव –Vyaintaradeva. Peripatetic deities ( Bhoot, Pishach etc.). किन्नर, किम्पुरुष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, भुत और पिशाच ये ८ प्रकार के व्यंतर देव कहलाते हैं ” ये वैकिर्यिक शरीर के धारी होते हैं एवं इनके असंख्य भवनों में जिनमंदिर होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य भूमि – Saamaanya Bhoomi. Gircular land in the assembly of Lord Arihant (with 20,000 stairs in every direction). समवसरण के 31 अधिकारों में प्रथम अधिकार । समवशरण में सामान्य भूमि गोल होती है। उसकी प्रत्येक दिशा में आकाश में स्थित 20-20 हजार सीढि़याॅं है।
एक करवटनिद्रा An austerity, Sleeping with the single posture. कायक्लेश का भेद- एक करवट से सोना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य छल – Saamaanya Chhala. General cheating or deceitful behavior. छल के तीन भेद वाक्छल, सामान्य छल व उपचार छल में एक भेद । सम्भावना मात्र से कही गयी बात को सामान्य नियम बनाकर वक्ता के वचनों के निषेध करने को सामान्य छल कहते है।