चतुर्विध संघ!
चतुर्विध संघ Group of Muni (saint), Aryika (female Jain ascetic) & Devotees (male, female). मुनि,आर्यिका , श्रावक , श्राविका इन चारों के समुदाय को चतुर्विध संघ कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विध संघ Group of Muni (saint), Aryika (female Jain ascetic) & Devotees (male, female). मुनि,आर्यिका , श्रावक , श्राविका इन चारों के समुदाय को चतुर्विध संघ कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गदा विद्या A type of supernatural power (causing glory, victory etc.). एक विद्या ,इससे युद्ध में जय और कीर्ति मिलती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्दश मनु Fourteen Kulkars (ethical founders). १४ कुलकर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समभिरुढ़ नय – Samabhiruurha Naya. Standpoint grasping the specific traditional meaning of something leaving others. जो शब्द के अनेक अर्थों को छोड़कर प्रधानता से एक ही रुढ़ अर्थ को ग्रहण करता है उसे समभिरुढ़ नय कहते है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ममत्व : == ममता खट परै रगे, ओनीदे दिन रात। लेनो न देनो इन कथा, भोरे ही आपत जात।। —आनन्दघन ग्रंथावली :: पद : ३५ ममता नारी में यदि कोई गुण है तो वह है मोहित करने का। किन्तु वह स्वर्ण—कटार किस काम की, जिसका स्पर्श—मात्र प्राणान्त का…
चर्मनिक्षिप्त Edible materials placed in leather pots are non-edible. अभक्ष्य; चमड़े के बर्तन मन रखे हुए घी, तेल आदि खाद्य पदार्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम अन्तरात्मा – Madhyama Antaratma. Those on the path of spiritual development (from the 7th pratima of householder to 6th Gunsthan of saints). अन्तरात्मा के 3 भेदों में एक भेद; सप्तम प्रतिमा धारी गृहस्थ से प्रमत्त गुण स्थानवर्ती मुनि मध्यम अन्तरात्मा कहलाते हैं “
ग्रह 88 planets as Mercury, Venus, Mars etc. बुध, शुक्र, मंगल इत्यादि ८८ ग्रह हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधु – Madhu. Honey (non-edible according to Jaina philosophy), Name of the 3rd Pratinarayan. शहद (22 अभक्ष्यों में एक अभक्ष्य) , तीसरे प्रतिनारायण का नाम (अपरनाम – मेरक) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरजा – Viraja. Name of the prime city in Nalin Kshetra (region) ‘of west videh (region), Name of a vapi (like large lake) situated in southern Nandishvardvip (is- land). अपर विदेह के नलिन क्षेत्र की प्रधान नगरी, नन्दीश्वर द्वीप की दक्षिण दिशा में स्थित वापी “