उपांग!
उपांग Sublimbs . नाक कान आँख आदि को उपांग कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूधिर – खून, सौधर्म स्वर्ग का दसवां पटल व इन्द्रक। Rudhira- Blood,name of the 10th patal (layer) & Indrak of Saudharma heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वज्ञशांवला – Nirvagyanshaamvalaa. A spiritual knowledge or study regarding Vidyadhars. एक विद्याधर विद्या “
देवताभास A false appearance of deities. देव का आभास देव न होते हुए भी देव जैसा लगना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आश्चर्य पंचक Five auspicious omen (good occurrences). पंचाश्चर्य-रत्नवृष्टि, देव दुंदुभि मंद सुगंधित वायु प्रवाह, जय जयकार की ध्वनि यह तीर्थंकर एंव अन्य विशिष्ट महामुनियों के आहार के समय देवों द्वारा की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्मूढ़ – Nirmoorha. One rational, who is capable of knowing the super soul of Self. मूढ़ता रहित; निजपरमतत्त्व को जानने में समर्थ होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथ – प्राचीन काल का प्रसिद्ध वाहन, इसमे हाथी घोडे जोते जाते थे। युद्ध के समय राजा इस पर आरूढ होकर समपरांगण मे जाते थे। वर्तमान में रथ पर भगवान विराजमान करके रथ यात्रा निकाली जाती है। Ratha-Chariot
आशा Hope, Desire, A female divinity of Ruchaka mountain. उम्मीद चाह रूचक पर्वत निवासी दिक्कुमारी देवी। [[श्रेणी:शब्दकोष]] [[श्रेणी: पुत्री]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्निमेष दृष्टि – Nirnimesha Drishti. Unwinking eyes; an excellence of Loed Arihant. पलक झपकनेका अभाव; अर्हत भगवान के केवलज्ञान के 11 अतिशियोंमें एक “
देवदर्शन Paying reverence to Lord- Arihant with proper procedure. जिनेन्द्र भगवान का विधिपूर्वक दर्शन करना, जिससे करोड़ों उपवास का फल प्राप्त होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]