स्वक्षेत्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वक्षेत्र – Svaksetra. Occupied space of matters.एक द्रव्य जितने क्षेत्र को रोक करके रहता है वह उस द्रव्य का स्वक्षेत्र है और अन्य क्षेत्र उसका पर क्षेत्र है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वक्षेत्र – Svaksetra. Occupied space of matters.एक द्रव्य जितने क्षेत्र को रोक करके रहता है वह उस द्रव्य का स्वक्षेत्र है और अन्य क्षेत्र उसका पर क्षेत्र है।
जय जिनेन्द्र A greeting word pronounced in Jaina community. जैनों में परस्पर विनय और प्रेमभाव प्रकट कर ने के लिए जयजिनेन्द्र शब्द बोला जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद् नास्ति अवक्तव्य – Syaadasti Naasti Avaktavya. The 6th Bhang of Saptbhangi-exposition of nature of the substance in the aspect of negation & indescribability.सप्तभंगी का छठवां भंग-द्रव्य परचुष्टय की अपेक्षा कथ्ंाचित् नास्तिरुप है और वही द्रव्य स्वचतुष्टय व परचतुष्टय की अपेक्षा युगफद् कथन न किए जाने से कथंचित् अवक्तव्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यात्परम – Syaatparama. Exposition of soul in the aspect of steadiness.परिणामिक भाव अर्थात् स्वभाव मे अचलवृत्ति की अपेक्षा जीव का कथन।
जघन्य वर्गणा Lowest aggregate of Karmic molecules. जघन्य वर्ग के समूह का नाम जघन्य वर्गणा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहदेव – Sahadeva. One of the 5 Pandavas. रानी माद्री व पाण्डु का पुत्र, 5वां पांडव । अंत में दीक्षा धारण की, दुर्योधन के भानजे द्वारा शत्रु´जयगिरि पर घोर उपसर्ग होने पर समतापूर्वक देह त्याग कर सर्वार्थसिद्धि स्वर्ग में गये ।
जघन्य परमाणु Atom with the property of lowest degree. एक गुण स्निग्धता या रूक्षता होने से बंध अयोग्य जघन्य परमाणु है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य असंख्यात A transcendental number (a mathematical term). जघन्य युक्तासंख्येय का द्वितीय वर्ग२ ; अलौकिक संख्या की अपेक्षा सहनानी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]