स्थौल्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थौल्य – Sthaulya. Grossness, bulkinessस्थूल का भाव या कर्म स्थौल्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थौल्य – Sthaulya. Grossness, bulkinessस्थूल का भाव या कर्म स्थौल्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ल्क्षण निमित्तज्ञान – अश्टांग निमित ज्ञान का छठा अंग, षारिरिक चिन्ह देखकर मनुश्य के ऐष्वर्य व दरिद्री आदि का ज्ञान होना। Laksana Nimittajnana-A type of knowledge gained through different marks of the body
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य –Virya Vitality, Potency, Spiritual power, शक्ति, गुण, आत्मा का बल जिसको विर्यातराय कर्म ढकता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर आसन – Sthira AAsana. A stable posture of deep meditation.ध्याता का एक लक्षण। शरीर व ध्याय योग्य आसन की स्थिरता। या चंचलता रहित आसन।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्वलन – Sanjvalana. A passion, which disturbs perfect conduct. एक कषाय; जो यथाख्यात चारित्र का घात करती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति कांडक धात – Sthiti Kamdaka Ghaata. A type of destruction of karmic states.विवक्षित स्थिति समूह का धात करना स्थिति काण्डकधात है। यह एक अन्तर्मुहूर्त मे निष्पन्न होता है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संसार : == धिक् संसारं यत्र, युवा परमरूपर्गिवतक:। मृत्वा जायते, कृमिस्तत्रैव कलेवरे निजके।। —समणसुत्त : ५११ इस संसार को धिक्कार है, जहाँ परम रूप-र्गिवत युवक मृत्यु के बाद अपने उसी त्यक्त मृत शरीर में कृमि के रूप में उत्पन्न हो जाता है। न नास्तीहावकाशो, लोके बालाग्रकोटिमात्रोऽपि। जन्ममरणबाधा, अनेकशो…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थानांतर गमन – Sthaanaamtara Gamana. The activity of going from one place to another (by saints on getting obstacle at one food taking place).एक स्थान से उठकर अन्यत्र चले जाने योग्य अवसर, भोजन के स्थान पर यदि कीड़ा आदि तुच्छ जन्तु चलते फिरते नजर आ जाये या ऐसा ही कोई दूसरा निमित उपस्थित हो…