सुसिद्धार्थ!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुसिद्धार्थ – Susiddhaartha. The spiritual teacher of the 9th Balbhadra Balram. 9वें बलभद्र बलराम के गुरू ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुसिद्धार्थ – Susiddhaartha. The spiritual teacher of the 9th Balbhadra Balram. 9वें बलभद्र बलराम के गुरू ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनंजय – Bhavanamjaya. A city in the north of Vijayardha (mountain). विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्गशलाका राशि – Vargashalaakaa Raashi.: Desired resultant quantity of Log2 Log2 (a mathematical operation). दो के वर्ग से लेकर जितनी बार की राशि विवक्षित हो उतनी वर्गशलाका राशि जानना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वस्थ (साधु) – Parsvastha (Sadhu). Saints not observing the duties of a saint life. इंद्रिय, कषाय और विषयों से पराजित होकर चरित्र को तृण के समान समझने वाले मुनि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरसेना – Varasenaa.: Name of the first chief Aryika (Ganini) in the holy assembly of Lord Vasupujya. भगवान वासुपूज्य के समवशरण में मुख्य आर्यिका (गणिनी) ” अपरनाम ,सेनार्या , सेना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायचूलिका – Nyaayachoolikaa. Name of a book written by shri Aklanka Bhatt. श्री अकलंक भट्ट (ई. 640-680) कृत एक न्याय ग्रंथ “
दुन्दुभक (दुन्दुभि) Name of a planet. एक ग्रह का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वनभूमि – Vanabhoomi: A land of natural temples with temple-trees (Chaitya Vriksh). अकृत्रिम चैत्यालयों को एक भूमि जिसमे चैत्यवृक्ष होते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ज्ञान : == सुत्तं अत्थनिमेणं, न सुत्तमेत्तेण अत्थपडिवत्ती। अत्थगई पुण णयवाय गहणलीणा दुरभिगम्मा।। —सन्मति तर्क् प्रकरण : ३-६४ सूत्र (शब्द पाठ) अर्थ का स्थान अवश्य है, परन्तु मात्र सूत्र से अर्थ की प्रतिपत्ति नहीं हो सकती। अर्थ का ज्ञान तो गहन नयवाद पर आधारित होने से बड़ी कठिनता…