मुंड!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुंड– Mund. Controlling of sensual organs for following non–violence. 5 इन्द्रियों को वश में करना, 5 इन्द्रिय, वचन, हस्त, पाद, मन और शरीर बिना प्रयोजन काम में ना लेना, यह मुंडन कहलाता है ” इससेअहिंसा का पालन होता हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुंड– Mund. Controlling of sensual organs for following non–violence. 5 इन्द्रियों को वश में करना, 5 इन्द्रिय, वचन, हस्त, पाद, मन और शरीर बिना प्रयोजन काम में ना लेना, यह मुंडन कहलाता है ” इससेअहिंसा का पालन होता हैं “
छायावत् Liberated soul, like reflected image. मुक्तजीव ; छाया के प्रतिबिम्ब के समान पुरूष के आकार को धारण करने वाला ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तंतुचारण ऋद्धि A supernatural power for becoming so small as to walk on the spider’s web. ऋद्धिः जिसके प्रभाव से मुनिजन अति लघु होकर मकड़ी के तंतु के ऊपर चरण रखमे हुए उसे बिना बाधा पहुँचाये गमन करते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंजन –Vyainjana. Consonant (33), Delicious food items, symbolic marks on the body or any matter. अव्यक्त शब्ददी (आधी मात्रा वाले अक्षर) के समूह या वचन को व्यंजन कहते हैं, क् ख् ग् आदि अक्षर ” इन व्यंजन को स्वर के साथ संयुक्त करने पर ही इनका उच्चारण होता हैं ” जैसे –…
जम्बूस्वामीचरित्र Name of a book written by Pandit Rajmalla. पं. राजमल (ई. १५७५-१५९३) द्वारा रचित संस्कृत काव्य , इसमें २४०० पद एवं १३ सर्ग हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ठकाप्पा (कवि) Name of a Marathi poet. एक मराठी कवि जिन्होंने पाण्डव पुराण की रचना की । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विराग विचय – Viraga Vichya. Wishing for the renouncement from the world with the contemplation about the nature of world, body & enjoyments. संसार, शरीर एवं भोगों के स्वरूप का चिंतन करते हुए वैराग्य की भावना करना विराग विचय हैं “
छिद्र(घटाछिद्र) Hole, opening, A type of listener, totally unable to understand any preaching. छेद, श्रोता का एक भेद- जिसके हृदय में कुछ भी उपदेश नहीं ठहरे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वानशन – Sarvaanashana. A type of great austerity pertaining to renunciation of food upto holy death. अनषन तप के दो भेदों में एक भेद, मरण समय में अर्थात् सन्यास काल में मुनि सर्वानषन तप करते है। भक्तप्रत्याख्यान, इंगिनीमरण, प्रायोपगमनमरण अथवा अन्य भी अनेकों प्रकार के मरणों में जो मरण प्र्यत आहार का त्याग करना…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्द – Vishuddha. Pure, Genuine, Unadulterated, True. पवित्र, निर्दोष ” विशुध्दकर्म का कार्य होने से आहारक शरीर को विशुध्द कहा है “